छत्तीसगढ़

धर्मांतरण का गंदा खेल : एक ही गांव के 25 दलित परिवारों ने किया धर्म परिवर्तन

धर्म परिवर्तन

राजनांदगांव: पूरे छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण को लेकर राजनीतिक कोहराम मचा हुआ है। इसी बीच मानपुर से 10 किलोमीटर हाईवे के ग्राम कहगांव में 25 दलित परिवारों ने धर्म परिवर्तन करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। ग्रामीण व समाज के पदाधिकारियों का आरोप है कि इसाई मिशनरी गांव के भोले भाले अनपढ़ आदिवासी और दलित परिवारों को निशाना बनाते हुए बहला-फुसला कर उन्हें इसाई बना रहे हैं।

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गांव के ग्रामीण दो राय में बटे

मिली जानाकारी के अनुसार मानपुर से दल्लीराजहरा नेशनल हाईवे में स्थित कहगांव ग्राम में 25 महार समाज के परिवारों ने अपना धर्म छोड़ते हुए इसाई धर्म अपना लिया है। इस मामले के खुलासे के बाद छत्तीसगढ़ महार समाज बड़ी सामाजिक बैठक आयोजित कर उन तमाम परिवारों को घर वापसी के लिए अपना धर्म अपनाने जोड़-तोड़ में लगे हुए हैं। इधर ग्रामीण इलाकों के हर क्षेत्र के लगभग सभी गांव के ग्रामीण अब दो राय में बट रहे हैं।

ग्रामीण व समाज के पदाधिकारियों का आरोप है कि इसाई मिशनरी गांव के भोले भाले अनपढ़ आदिवासी और दलित परिवारों को निशाना बनाते हुए बहला-फुसला कर उन्हें इसाई बना रहे हैं, जिनसे मुख्यधारा की संस्कृति नष्ट हो रही है। कई तरह की काल्पनिक कहानियां, लालच और वीडियो दिखा कर भ्रमित करते हुए इसाई मशीनरी अपने धर्म को श्रेष्ठ बता कर लोगों को धर्मांतरण करने का लगातार सिलसिला अब इस क्षेत्र में बढ़ गया है, जिसका जीवंत उदाहरण कहगांव गांव है जहां के 25 दलित परिवारों का धर्म परिवर्तन करा दिया गया।

समाज और संस्कृति के लिए खतरा

छत्तीसगढ़ महार समाज के जिला उपाध्यक्ष प्रवीण मंडावी ने बताया कि इन दिनों मंदिरों और देव गुड़ी से ज्यादा लोग चर्च में दिखने लगे हैं जो इस बात की ओर इशारा करता है कि आने वाला समय आदिवासी समाज एवं दलित पिछड़े समाज के संस्कृति के लिए बड़ा खतरा हो सकता है। इसाई बन चुके लोग ना तो सामाजिक कार्य में और ना ही धार्मिक कार्य में शामिल होते हैं। इसाई धर्म को अपना चुके परिवार के सदस्य अपने मुख्य धार्मिक अनुष्ठान में शामिल नहीं होते यह लोग अब इन सभी त्योहारों का पुरजोर विरोध करने लगे हैं।

गांव के गायता , पटेल, पुजारी एवं पांचवी अनुसूची क्षेत्र में जिसमें गायता, ग्राम पटेल, पंच एवं गांव के प्रमुख लोग हैं इनकी बात को भी मानने को तैयार नहीं है। छत्तीसगढ़ महार समाज के पदाधिकारियों ने बताया कि कहगांव में 25 परिवारों के हुए धर्मांतरण को लेकर 12 सितंबर को कहगांव गांव में ही प्रांतीय बैठक आयोजित की गई है, जिसमें अहम निर्णय लिया जाएगा।

दल्लीराजहरा के बैठक से हुआ खुलासा

दलित समाज के 25 परिवारों का धर्मांतरण को लेकर 29 अगस्त को दल्ली राजहरा में हुए महार समाज के प्रांतीय बैठक में यह खुलासा हुआ कि कहगांव के दो दर्जन से अधिक दलित परिवार अपना धर्म परिवर्तन कर लिया है जिसके बाद समाज के पदाधिकारियों को होश उड़े हुए हैं। अंबागढ़ चौकी, मोहला, मानपुर के आदिवासी बहुल्य ग्रामों में बीते कई वर्षों से धर्मांतरण का बड़ा खेल चल रहा है जहां बड़े पैमाने पर आदिवासी गैर आदिवासी समाज के लोग अपना धर्म परिवर्तन कर लिए हैं। भाजपा जिला मंत्री नम्रता सिंह ने कहा कि अभी तो ये एक घटना है जिसका पता चला है। क्षेत्र में ऐसे और कई गांव हैं जहां बड़े पैमाने पर साजिश पूर्वक धर्मान्तर हो रहा है और यह क्रम जारी है।

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