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लगातार धधक रहा उत्तराखंड! जंगलों में तीन सौ फलदार पेड़ भी हुए राख

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चंपावत: सोमवार को विकास खंड लोहाघाट के दिगालीचौड़ के सिल्लेख तोक में जंगल में आग लगने से तीन सौ फलदार पेड़ जलकर राख हो गए। दमकल कर्मियों, पुलिस, वन विभाग और स्थानीय लोगों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।

आवासीय भवनों तक पहुंची आग

मानढुंगा के ग्राम प्रधान मुकेश रैंसवाल ने बताया कि दिगालीचौड़ के मानढुंगा के सिल्लेख तोक के जंगलों में सुबह अचानक आग लग गई। हवा के रुख के साथ आग आवासीय भवनों के पास तक पहुंच गई। सूचना पर अग्निशमन अधिकारी चंदन राम, रेंजर दीप जोशी के नेतृत्व में अग्निशमन विभाग, वन विभाग और पंचेश्वर कोतवाली पुलिस ने लोगों की मदद से आग पर काबू पाया, जिससे आवासीय भवन जलने से बच गया।

तीन सौ से ज्यादा फलदार पेड़ खाक

ग्राम प्रधान मुकेश ने बताया कि आग से गांव के प्रगतिशील किसान कृपाल सिंह के खेत में लगे नींबू, माल्टा, संतरा, तेजपात आदि के तीन सौ से अधिक पेड़ जलकर राख हो गये। उन्होंने बताया कि किसान कृपाल सिंह हर साल खेती करके अपनी जीविकोपार्जन करता है। आग लगने से लाखों का नुकसान हुआ है। ग्राम प्रधान ने प्रशासन से पीड़ित को मुआवजा देने की मांग उठाई।

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प्रभागीय वनाधिकारी आशुतोष सिंह ने मीडिया को बताते हुए कहा कि आग पर काबू पाने के लिए विभाग को होम गार्ड की पांच टुकड़ियां और इतनी ही संख्या में पीआरडी जवान शामिल हुए हैं। प्रत्येक दस्ते में पाँच सैनिक हैं। आपदा प्रबंधन के तहत वाहन उपलब्ध कराया गया है। साथ ही एक आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम का गठन किया गया है। लोगों से जंगल में आग लगने पर उसे बुझाने का भी अनुरोध किया जा रहा है। प्रशासन ने एक सप्ताह के लिए कूड़ा और पराली जलाने पर रोक लगा दी है। इसके बाद भी जंगलों में आग नहीं रुक रही है। बीती रात टकाड़ी जंगल में भीषण आग लग गई, जो महाकाल वन तक पहुंच गई। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और बमुश्किल आग पर काबू पाया। सुबह तक भी जंगल से धुआं उठता रहा।

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