Tuesday, December 17, 2024
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Homeदुनियाअमेरिकी रक्षा मुख्यालय में भारतीय रक्षा अधिकारियों को बेरोकटोक मिलेगा प्रवेश

अमेरिकी रक्षा मुख्यालय में भारतीय रक्षा अधिकारियों को बेरोकटोक मिलेगा प्रवेश

वाशिंगटनः अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन में भारतीय रक्षा अधिकारियों को अब बेरोकटोक प्रवेश मिलेगा। यह भारत और अमेरिकी के बीच मजबूत होते सैन्य संबंधों का ही परिणाम है कि भारतीय रक्षा अधिकारियों को पेंटागन में निर्बाध या बगैर सुरक्षा प्रवेश की सुविधा प्रदान की गयी है। अमेरिका ने भारतीय स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर यह ऐलान किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सोमवार को भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर वाशिंगटन स्थित इंडिया हाउस में अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू ने समारोह का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में अमेरिकी वायु सेना के सचिव फ्रैंक केंडल ने कहा कि भारतीय रक्षा विभाग की अब पेंटागन तक पहुंच आसान हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि इस तरह का कदम विश्वास और सहयोग के साथ जुड़ा हुआ है। भारत के साथ हमारे संबंध विश्वास व सहयोग के हैं। केंडल ने कहा कि अब भारतीय रक्षा टीम की पेंटागन में बगैर सुरक्षा के आवाजाही हो सकेगी। यह कदम भारत के साथ हमारे नजदीकी संबंधों के चलते और चूंकि भारत हमारा बड़ा रक्षा साझेदार है, इसलिए उठाया गया है। केंडल ने कहा कि यदि आपको लगता है कि पेंटागन में बिना सुरक्षा जांच के जाना कोई बड़ी बात नहीं है, तो बता दूं कि मैं भी बिना एस्कॉर्ट के वहां नहीं जा सकता हूं। अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन में जाना सबसे कठिन है, क्योंकि वह दुनिया के उच्च सुरक्षा वाले स्थानों में से एक है। यहां तक कि अमेरिकी नागरिकों को भी उच्च स्तरीय सुरक्षा मंजूरी के बिना इमारत तक पहुंच नहीं है।

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केंडल ने यह भी कहा कि भारत के साथ अमेरिका द्वारा किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक संयुक्त सैन्य अभ्यास किया जाता है। दोनों देशों के बीच लंबे समय से घनिष्ठ संबंध हैं और इसे लगातार मजबूत बनाने के प्रयास हो रहे हैं। दोनों देश क्षेत्र और दुनिया में एकीकृत सैन्य प्रतिरोध तैयार करने में जुटे हैं। दोनों देशों के बीच रक्षा व्यापार व प्रौद्योगिकी की पहल वर्षों से चल रही है और आज भी जारी है। एक साल पहले भारत और अमेरिका ने ड्रोन बनाने में सहयोग का कार्यक्रम शुरू किया है। दोनों देश प्रौद्योगिकी हस्तांतरण में जुटे हैं और लंबे समय से कई कार्यक्रम चला रहे हैं। यह सिलसिला जारी रहेगा।

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