सिडनीः भारत पर सवाल उठाने वाले अमेरिकी उद्यमी जॉर्ज सोरोस को भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने खतरनाक करार दिया है। ऑस्ट्रेलिया प्रवास के दौरान जयशंकर ने सोरोस के सवालों को खारिज कर दिया। पिछले दिनों अमेरिकी उद्योगपति जॉर्ज सोरोस ने कहा था कि गौतम अदाणी के कारोबारी साम्राज्य में मची उथल-पुथल से शेयर बाजार में बिकवाली आई है और इससे निवेश के अवसर के रूप में भारत में विश्वास हिला है।
सोरोस के बयान पर पलटवार करते हुए भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि सोरोस भारत को तो लोकतांत्रिक देश मानते हैं किन्तु प्रधानमंत्री को लोकतांत्रिक नहीं मानते। इसी तरह कुछ समय पहले ही उन्होंने भारत सरकार पर करोड़ों मुस्लिमों की नागरिकता छीनने की कोशिश का आरोप लगाया था। निश्चित रूप से यह तथ्य गलत हैं। सोरोस को एक बुजुर्ग, अमीर और राय रखने वाला व्यक्ति बताकर उन्होंने कहा कि वे न्यूयार्क में बैठकर अपने विचारों से फैसला कर दुनिया चलाना चाहते हैं। दरअसल वे खतरनाक भी हैं। वे अपने संसाधनों का प्रयोग भी राय बनाने में करते हैं।
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जयशंकर ने कहा कि सोरोस जैसे लोगों को लगता है कि चुनाव तभी अच्छे हैं, जब उनकी पसंद का व्यक्ति जीत जाए, लेकिन अगर चुनाव का नतीजा कुछ और होता है, तो वह उस देश के लोकतंत्र को त्रुटिपूर्ण कहने लगते हैं और यह सब एक खुले समाज की वकालत करने के नाम पर किया जाता है। जयशंकर ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र में मतदाताओं की भागीदारी अभूतपूर्व है। चुनाव के नतीजे निर्णायक हैं और चुनावी प्रक्रिया पर सवाल नहीं उठते। भारत में चुनाव के बाद इसे चुनौती देने के लिए कोई कोर्ट नहीं जाता है।
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