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संतान की दीर्घायु के लिए माताएं करती हैं हलछठ का व्रत, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त

नई दिल्लीः हर साल की तरह इस वर्ष भी हलछठ का पर्व पूरी श्रद्धा के साथ आज मनाया जा रहा है। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को हल छठ, हल षष्ठी या बलराम जयंती मनाई जाती है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम की विधिपूर्वक पूजा अर्चना की जाती है। आज के दिन माताएं अपनी संतान की लंबी आयु और स्वास्थ्य के लिए व्रत रखकर विधि-विधान से पूजा करती हैं। ऐसी भी मान्यता है कि हलछठ का व्रत करने से भगवान बलराम के ही समान बलशाली और बुद्धिमान पुत्र की प्राप्ति होती है। हलछठ का पर्व जन्माष्टमी के दो दिन पूर्व मनाया जाता है।

हलछठ पर्व का शुभ मुहूर्त
षष्ठी तिथि का प्रारंभ 27 अगस्त दिन शुक्रवार को शाम 6 बजकर 48 मिनट पर हुआ। षष्ठी तिथि अगले दिन 28 अगस्त दिन शनिवार को रात 8 बजकर 56 मिनट तक रहेगी। इसलिए हलछठ का व्रत दयातिथि को देखते हुए 28 अगस्त को ही मनायी जाएगी।

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बलराम जयंती या हलछठ का महत्व
हलछठ पूजा को बलराम जयंती, ललई छठ और हरषष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। आज के लिए माताएं निर्जला व्रत रखती है और अपनी संतान की लंबी आयु और सुखमय जीवन की कामना करते हुए पूरे विधि-विधान से पूजा करती हैं। धार्मिक मान्यता है कि पूरे विधि-विधान से भगवान हलधर का व्रत और पूजन करने से संतान दीर्घायु होती है और उसका जीवन सुखमय होता है।

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