नई दिल्लीः भारत में जानलेवा और संक्रामक बीमारी मंकीपॉक्स (Monkeypox infectious disease) का पहला संभावित मामला सामने आया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) ने आज इस संबंध में जानकारी दी है। मंत्रालय का कहना है कि जांच चल रही है और चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। मंत्रालय का कहना है कि हाल ही में विदेश यात्रा से लौटे एक युवा पुरुष मरीज की पहचान मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीज के रूप में हुई है।
संपर्क ट्रेसिंग जारी
मरीज को एक निर्दिष्ट अस्पताल में अलग रखा गया है और फिलहाल उसकी हालत स्थिर है। वह ऐसे देश की यात्रा कर चुका है जहां मंकीपॉक्स के मामले पाए गए हैं। मंकीपॉक्स की मौजूदगी की पुष्टि के लिए मरीज के नमूनों की जांच की जा रही है। मामले को स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार प्रबंधित किया जा रहा है और संभावित स्रोतों की पहचान करने और देश के भीतर प्रभाव का आकलन करने के लिए संपर्क ट्रेसिंग जारी है।
मंत्रालय ने कहा चिंता की जरूरत नहीं
मंत्रालय के अनुसार, इस मामले का विकास एनसीडीसी द्वारा पहले किए गए जोखिम मूल्यांकन के अनुरूप है और किसी भी अनावश्यक चिंता का कोई कारण नहीं है। देश ऐसे विभिन्न यात्रा-संबंधी मामलों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और किसी भी संभावित जोखिम को प्रबंधित करने और कम करने के लिए मजबूत उपाय किए गए हैं।
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नया स्ट्रेन हो सकता है वजह
हाल ही में हुए एक अध्ययन में वैज्ञानिकों ने एम्पॉक्स के बढ़ते मामलों के लिए इसके नए स्ट्रेन ‘क्लेड आईबी’ को जिम्मेदार ठहराया है। विशेषज्ञों ने कहा कि इस बात की गंभीर चिंता है कि वायरस म्यूटेट होकर नए स्ट्रेन बना रहा है। ऐसा उन देशों में भी रिपोर्ट किया जा रहा है, जहां अब तक एम्पॉक्स का कोई खतरा नहीं था।
जिसके बाद भारत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी लोगों को संक्रमण को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी थी। मंत्रालय ने एम्पॉक्स कैसे फैलता है और संक्रमण होने पर क्या करना चाहिए, इस बारे में विस्तृत जानकारी साझा की थी।
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