आखिरकार कड़ी सुरक्षा के बीच बांदा जेल पहुंचा मुख्तार अंसारी

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बांदाः उत्तर प्रदेश से लेकर पंजाब तक कई महीनों से सुर्खियों में छाए मऊ से बसपा के विधायक माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को आखिरकार कड़ी सुरक्षा के बीच साढ़े 14 घंटे के सफर के बाद बुधवार को बांदा जेल में लाया गया। इस दौरान आईजी के. सत्यनारायण, पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ शंकर मीणा व जिला अधिकारी समेत कई जिलास्तरीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। जेल पहुंचने के बाद डॉक्टरों की टीम ने उसका शारीरिक परीक्षण किया। इसके बाद उसे सामान्य बैरक में रखा गया है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सक्रिय हुए उत्तर प्रदेश शासन के निर्देश पर बांदा से लगभग 100 पुलिसकर्मियों की टीम मंगलवार तड़के पंजाब के रोपड़ जेल पहुंची थी। कानूनी प्रक्रिया के बाद उसे पंजाब जेल ने दो बजकर 5 मिनट पर यूपी पुलिस को सुपुर्द किया। इसके कई घण्टे के बाद लम्बा सफर कर हरियाणा, दिल्ली और गाजियाबाद होते हुए यह काफिला मंगलवार शाम यूपी के बॉर्डर बागपत पहुंचा। इस दौरान जिन जनपदों से मुख्तार का काफिला गुजरा उन जनपदों में पुलिस को पहले ही अलर्ट कर दिया गया था ताकि किसी तरह की अनहोनी न होने पाए। इतना ही नहीं जिले की पुलिस ने काफिले को एस्कॉर्ट किया। मुख्तार अंसारी एंबुलेंस में लेट कर पहुंचे है और उनके काफिले में वज्र समेत पुलिस की दस गाड़ियां थी। जिसमें 150 पुलिसकर्मी सवार थे। सड़क मार्ग से माफिया को लाने में टीम को करीब 900 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ा।

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बुधवार सुबह पुलिस के काफिले ने बांदा की सीमा में जसपुरा से प्रवेश किया इसके बाद पैलानी, चिल्ला और देहात कोतवाली से गुजरता हुआ यह काफिला लगभग एक घंटे बाद भोर में बांदा जेल पहुंचा। इस दौरान एक प्लाटून पीएसी ने जेल के बाहर सुरक्षा व्यवस्था का मोर्चा संभाल लिया। मुख्तार अंसारी के जेल में पहुंचने से पहले चार चक्र में सुरक्षा घेरा मजबूत किया गया और इसके बाद गाड़ियों का काफिला को रोक दिया गया। मात्र दो गाड़ियां जेल के मुख्य द्वार से अंदर पहुंची। एंबुलेंस में मुख्तार अंसारी सवार था, जिसे एंबुलेंस से सुरक्षित नीचे उतारा गया। जेल प्रशासन ने सड़क किनारे स्थित गेट को बंद कर इसके आगे सभी की एंट्री प्रतिबंधित कर दी। काफिले के साथ 50 से अधिक फोरविलर गाड़ियां मौजूद हैं।