कोलकाताः पश्चिम बंगाल में एक बड़े फर्जी कॉल सेंटर और क्रिप्टोकरेंसी घोटाले का मामला सामने आया है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को इस घोटाले से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी और तलाशी अभियान चलाया। ये छापेमारी मुख्य रूप से कोलकाता और उसके आसपास के इलाकों में की गई।
ED ने कई जगहों पर चलाया तलाशी अभियान
सूत्रों के मुताबिक, यह गिरोह फर्जी कॉल सेंटर के जरिए विदेशी नागरिकों को सॉफ्टवेयर से जुड़ी सेवाएं देने का लालच देकर ठगता था। ठगी के जरिए जुटाई गई रकम को क्रिप्टोकरेंसी के रूप में विदेश भेजा जाता था। ईडी की टीमों ने कोलकाता के बालीगंज, तोपसिया, पिकनिक गार्डन, साल्ट लेक, राजारहाट और सेक्टर-5 आईटी हब समेत कई जगहों पर तलाशी अभियान चलाया। इन छापों में ईडी अधिकारियों के साथ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के जवान मौजूद थे।
कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद
तलाशी के दौरान ईडी के अधिकारियों ने कागज और डिजिटल फॉर्मेट में कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए हैं। इन दस्तावेजों से घोटाले की वित्तीय जानकारी जुटाने की कोशिश की जा रही है। इस घोटाले में कोलकाता के कारोबारी राजेश गोयनका को मुख्य संदिग्ध बताया जा रहा है। ईडी की यह कार्रवाई ठगे गए लोगों की ओर से दर्ज कराई गई शिकायतों के आधार पर की गई है। इसके बाद ईडी ने प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज कर जांच शुरू की।
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जांचकर्ताओं को संदेह है कि इस गिरोह की जड़ें पश्चिम बंगाल के साथ-साथ पूर्वी भारत के अन्य राज्यों तक फैली हो सकती हैं। ईडी के अधिकारी जब्त दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं ताकि पता लगाया जा सके कि इस घोटाले में कुल कितनी रकम शामिल है।
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