राजस्थान

चिराग तले अंधेरा! सरकारी भवनों के पास भी नहीं है फायर एनओसी

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भरतपुरः राज्य के सभी अधिसूचित शहरी निकायों में अग्नि दुर्घटनाओं को रोकने के लिए भवनों में अग्निशमन/अग्नि सुरक्षा संबंधी उपकरण, उपकरण स्थापित करने और तालिका में चिन्हित भवनों एवं गतिविधियों के लिए अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र अर्थात फायर एनओसी प्राप्त करने का प्रावधान किया गया था, लेकिन भरतपुर नगर निगम क्षेत्र में फायर एनओसी जारी करने वाली संस्था नगर निगम के पास ही फायर एनओसी नहीं है। 'चिराग तले अंधेरा' वाली कहावत यहां चरितार्थ हो रही है। इतना ही नहीं, सभी सरकारी भवनों की हालत एक जैसी है, चाहे वह जिला कलक्ट्रेट हो या संभाग का सबसे बड़ा आरबीएम अस्पताल या फिर यूआईटी ऑडिटोरियम। यह हाल उन सभी विधानसभा भवनों का है जहां 50 से ज्यादा लोग आते हैं। लेकिन इन सरकारी भवनों के पास फायर एनओसी नहीं है।

फायर ऑफिसर अरुण सिंह ने किया खुलासा

ये हम नहीं कह रहे, ये कहना है नगर निगम के फायर ऑफिसर अरुण सिंह का। अग्निशमन अधिकारी अरुण सिंह के अनुसार नगर निगम, जिला कलक्ट्रेट, यूआईटी ऑडिटोरियम, जिले के सबसे बड़े आरबीएम अस्पताल और भरतपुर मेडिकल कॉलेज सहित किसी भी सरकारी भवन के पास फायर एनओसी नहीं है। कुछ नई सरकारी इमारतों में फायर फाइटिंग सिस्टम लगा है, लेकिन वह ठीक नहीं है, जिसके चलते नगर निगम के अग्निशमन विभाग ने उन्हें फायर एनओसी जारी नहीं की है।

सरकार का नियम है कि 90 मीटर से ऊंची इमारतें और 250 वर्ग मीटर क्षेत्रफल वाली इमारतें या ऐसे स्थान जहां 50 से अधिक लोगों के आने की संभावना हो और जिनका कुल क्षेत्रफल 500 वर्ग मीटर हो, उन्हें फायर एनओसी लेना जरूरी है। पिछले साल 14 सितंबर 2023 को डीएलबी निदेशक ने सभी निकायों और नगर पालिकाओं के लिए इस संबंध में नई गाइडलाइन जारी की थी। जिसके तहत भरतपुर शहर में 238 ऐसी इमारतें हैं जिनके पास फायर एनओसी नहीं है और जो नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। नगर निगम के अग्निशमन अधिकारी अरुण सिंह इन्हें दो बार नोटिस जारी कर चुके हैं, लेकिन वह इस पर ध्यान ही नहीं दे रहे हैं। है । अब इन पर जुर्माना लगाने की कार्रवाई नगर निगम द्वारा की जायेगी।

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कई कार्यालय और होटल हो रहे संचालित

नगर निगम के फायर ऑफिसर अरुण सिंह के मुताबिक, भरतपुर शहर में किसी भी सरकारी बिल्डिंग के पास फायर एनओसी यानी फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट नहीं है। भरतपुर शहर में 52 बड़े निजी अस्पताल हैं, जिनमें से सिर्फ 32 के पास ही फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट है। इसी तरह भरतपुर शहर में संचालित 72 मैरिज होम में से केवल 5 के पास ही फायर एनओसी है। इसी तरह भरतपुर शहर में संचालित 52 बड़े स्कूलों में से सिर्फ 5 के पास ही फायर एनओसी है। भरतपुर में 45 छोटे-बड़े होटल हैं, जिनमें से सिर्फ 6 बड़े होटलों के पास फायर एनओसी है। भरतपुर शहर में संचालित बड़े मार्ट, शोरूम कॉम्प्लेक्स, पीजी, हॉस्टल, आउटलेट सहित 238 ऐसी इमारतें हैं जिनके पास फायर एनओसी नहीं है। यानी बिना फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट के लोगों की आवाजाही हो रही है। आग लगने की स्थिति में बचाव के लिए नगर निगम की फायर ब्रिगेड ही एकमात्र सहारा होती है।

रिपोर्ट- विनीत कुमार भरतपुर, राजस्थान 

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