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सरकार विरोधी प्रदर्शनों के चलते थाईलैंड में लगा आपातकाल, जानें पूरा मामला

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बैंकॉकः सरकार विरोधी प्रदर्शनों के चलते थाइलैंड प्रशासन ने राजधानी बैंकॉक में आपातकाल की घोषणा कर दी है। आपातकाल से संबंधित जारी की गई डेक्री (आधिकारिक आदेश) के अनुसार पांच से अधिक लोगों के एक साथ एकत्रित होने पर प्रतिबंध लगाया गया है। साथ हा राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचाने वाले समाचार और ऑनलाइन संदेशों पर भा प्रतिबंध लगा दिया गया है।

दरअसल बैंकॉक में कई महीनों से सरकार विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं। विपक्ष प्रधानमंत्री प्रयुत चन ओचा के इस्तीफे की मांग कर रहा है। प्रदर्शनकारी चाहते हैं कि सरकार नए संविधान को अपनाए और राजतंत्र को अपनाए। बैंकॉक में बुधवार को आयोजित की गई रैलियों में 10,000 प्रदर्शनकारियों ने भाग लिया।

गौरतलब है कि 2014 में सेना ने तख्ता पलट कर सत्ता संभाल ली थी। भारी जनविरोध के दबाव में आकर 2019 में उसने चुनाव कराया था। इस चुनाव के बाद सैनिक तानाशाह प्रयुथ चन-ओचा फिर से प्रधानमंत्री बन गए। मगर एफएफपी विपक्ष की मजबूत आवाज बनकर उभरी। लेकिन इस साल के शुरु में कथित तौर पर गैर-कानूनी चंदा लेने के आरोप में पार्टी को भंग कर दिया गया।

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उसके विरोध में शुरू हुए आंदोलन का एजेंडा अब देश में वास्तविक लोकतंत्र कायम करना हो गया है। इसी सिलसिले में राजतंत्र पर बहस खड़ी की गई है, जबकि अब तक राजतंत्र और राजा को आलोचना और बहस से ऊपर माना जाता था। देश के शासक और मध्यवर्गों में अभी भी ऐसी ही सोच है। लेकिन ‘रेड शर्ट्स’ नाम से चर्चित नौजवान इस सोच को चुनौती दे रहे हैं। उन्हें इसमें वामपंथी गुटों और राजतंत्र विरोधी कई दूसरे समूहों का भी समर्थन हासिल है।