हाथियों की दहशत ने करा दी कई गांवों में अघोषित शराबबंदी

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धमतरीः हाथियों की दहशत से सुदूर वनांचल के कई गांवों में महुआ शराब बनने चूल्हों पर हंडी चढ़ रही है न ही गलियों में महुआ शराब की महक आ रही है। ग्रामीण भी हाथियों से परिवार व मकान बचाने महुआ शराब का सेवन अघोषित रूप से बंद कर दिया है, ताकि हाथियों का झुंड महुआ की महक से गांवों तक न आए I

गरियाबंद जिले से 27 हाथियों का दल दिसंबर माह से धमतरी जिले के सुदूर वनांचल नगरी ब्लाक के ग्राम संबलपुर, अमाली, छिपली, चुरियारा, तुमबाहरा में आए। इसके बाद आगे बढ़ते हुए वर्तमान में हाथियों का दल नगरी से करीब 30 किलोमीटर दूर सघन वनांचल के गांव चारगांव, भैंसामुड़ा, मटियाबाहरा, कुदुरपानी और खरका के जंगलों में विचरण कर रहे हैं। हाथियों का दल इन गांवों के जंगलों में करीब दो माह से ठहरे हुए हैं। वापस जाने का नाम नहीं ले रहे हैं। जिससे ग्रामीणों में हाथियों का दहशत बना हुआ। वे अकेले जंगल तक नहीं जा रहे हैं। ये सभी आदिवासी व कमार परिवार बहुतायत गांव है। ग्रामीणों में हाथियों का इतना दहशत है कि वे स्वयं, परिवार, मकान व फसल को बचाने कोई भी शर्त में महुआ शराब का फिलहाल सेवन नहीं कर रहे हैं। इन सभी गांव में फिलहाल अघोषित रूप से शराबबंदी की स्थिति है। गांव में एक भी परिवार महुआ शराब नहीं बना रहा है न ही सेवन कर रहे हैं, ताकि महुआ की महक से हाथियों का दल गांव तक न आए। तुमराबहार में भी महुआ शराब का सेवन बंद धमतरी ब्लाक के ग्राम पंचायत तुमराबहार, विश्रामपुर,कसावाही और तुमाबुजुर्ग के जंगल व गांवों में चंदा हाथी दल के 20 से अधिक हाथी पिछले सप्ताह भर से ठहरे हुए हैं। गांव में घुसकर कई उत्पात मचा रहे हैं, इससे ग्रामीणों में दहशत है।

तुमराबहार के उपसरपंच परमात्मा नागवंशी, कौशल कुमार नेताम,देवनाथ, हेमलाल, संतराम, प्रेमलाल और मनाराम ने बताया कि महुआ की महक से हाथी गांवों तक न आए, इसलिये महुआ शराब कोई भी ग्रामीण नहीं पी रहे हैं। वन कर्मियों ने भी ग्रामीणों को जंगल में अकेला जाने, महुआ शराब नहीं पीने, घर में नहीं रखने सुझाव दिए हैं, ताकि हाथी घरों तक न आए।

हाथियों से बचने ग्रामीण नहीं पी रहे शराब

महुआ शराब व महुआ की महक से हाथी गांव तक पहुंच जाते हैं। इसलिए चारगांव व नगरी क्षेत्र में जहां हाथियों का दल ठहरे हुए हैं, यहां फिलहाल ग्रामीणों ने महुआ शराब पीना, बनाना व महुआ रखना बंद कर दिया है। ग्रामीण इस मामले में वन विभाग का पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं। वहीं आबकारी की टीम गांव में महुआ शराब बिक्री को रोकने, बनाने पर रोक लगाने जुटे हुए हैं।

धमतरी डीएफओ संतोविशा समाजदार ने बताया कि इन गांवों में रहने वाले कमार परिवारों को कुछ मात्रा में महुआ शराब बनाने शासन से छूट है, इसके बावजूद भी वे जागरूकता दिखाकर नहीं बना रहे हैं और नहीं पी रहे हैं, ताकि वे हाथियों से सुरक्षित रहे। अब तक हाथियों ने कोई बड़ी नुकसान क्षेत्र में नहीं पहुंचाया है।