Electoral Bond: चुनावी बॉन्ड योजना को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है। इसके बाद से विपक्ष के नेता लगातार केंद्र सरकार पर हमला बोल रहे हैं। इसी कड़ी में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष करन माहरा ने चुनावी बांड योजना को भाजपा सरकार के महाभ्रष्टाचार का नमूना बताया और कहा कि यह असंवैधानिक है। किसी भी योजना में पारदर्शिता के बिना स्वस्थ और स्वतंत्र लोकतंत्र की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।
प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने जारी एक बयान में कहा कि, कांग्रेस भाजपा की इस कुटिल चाल के खिलाफ संसद के भीतर और बाहर लगातार अपनी लड़ाई लडती रही है। पार्टी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करती है। माहरा ने कहा कि, चुनावी बांड योजना कुछ और नहीं बल्कि सत्तारूढ़ भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए डिजाइन की गई योजना थी। इस प्रकार की असंवैधानिक योजना को लोकतंत्र में उचित नहीं ठहराया जा सकता है।
राष्ट्रव्यापी हड़ताल के समर्थन में उतरा सांझा मोर्चा, रोडवेज का चक्का जाम
माहरा ने कहा कि, चुनावी बांड योजना के तहत वर्ष 2018 में जो 222 करोड़ रुपये के बांड खरीदे गये, इनमें 95 प्रतिशत भारतीय जनता पार्टी के पास गये। यही नहीं प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा एसबीआई को अवैध विंडो में बेचे गये समाप्त हो चुके चुनावी बांड स्वीकार करने का भी दबाव डाला गया। माहरा ने चुनावी बांड योजना की जांच ईडी और सीबीआई से कराने की मांग की।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)