भोपालः भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission) ने राज्य सरकारों द्वारा एक ही संसदीय क्षेत्र के निकटवर्ती जिलों में अधिकारियों के स्थानांतरण के मामलों को गंभीरता से लिया है। आयोग ने निष्पक्ष चुनाव कराने के उद्देश्य से स्थानांतरित अधिकारियों को एक ही लोकसभा क्षेत्र के किसी भी जिले में तैनात नहीं करने का निर्देश जारी किया है। यह जानकारी जनसंपर्क अधिकारी क्रांतिदीप अलुने ने शनिवार को दी।
नीति के पालन पर दिया जोर
उन्होंने कहा कि मौजूदा कमियों को दूर करने के लिए, भारत के चुनाव आयोग ने निर्देश दिया है कि दो संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को छोड़कर सभी राज्य यह सुनिश्चित करें कि जिन अधिकारियों को जिले से बाहर स्थानांतरित किया गया है, उन्हें जिले में तैनात किया जाए। उन्हें संसदीय क्षेत्र में पोस्ट नहीं किया जाना चाहिए।
आयोग की स्थानांतरण नीति का अक्षरश: पालन किया जाए। हकीकत छुपनी नहीं चाहिए। यह नियम उन तबादलों और पोस्टिंग पर पहले की तरह लागू होता है जो आयोग के पूर्व निर्देशों के अनुसार पहले ही लागू हो चुके हैं।
ईसीआई की नीति के तहत उन सभी अधिकारियों का तबादला करने का निर्देश दिया गया है जो या तो अपने गृह जिले में तैनात थे या एक ही स्थान पर तीन साल पूरे कर चुके हैं। इसमें वे अधिकारी भी शामिल हैं जो सीधे तौर पर चुनाव कार्य से जुड़े हैं या पर्यवेक्षक की भूमिका में हैं।
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आयोग ने चुनावी प्रक्रिया को किसी भी तरह से बाधित करने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। गौरतलब है कि इसके तहत हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में आयोग ने विभिन्न अधिकारियों, यहां तक कि उन राज्यों के वरिष्ठ स्तर के पुलिस अधिकारियों के तबादले का आदेश दिया था।
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