Home छत्तीसगढ़ DMF घोटाला मामलाः ED ने रानू सहित 16 लोगों को बनाया आरोपित

DMF घोटाला मामलाः ED ने रानू सहित 16 लोगों को बनाया आरोपित

16-people-including-ranu-accused-in-dmf-scam-case

रायपुर: छत्तीसगढ़ जिला खनिज न्यास निधि (DMF) घोटाला मामले में गिरफ्तार मनोज द्विवेदी को सोमवार को विशेष न्यायालय में पेश किया गया। न्यायालय ने मनोज को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भी भेज दिया है। ईडी के अधिवक्ता सौरभ पांडेय ने बताया कि DMF घोटाला मामले में ईडी ने निलंबित आईएएस रानू समेत 16 लोगों को आरोपी बनाया है। ईडी ने इनके खिलाफ रायपुर की विशेष अदालत में 8021 पन्नों का अभियोजन परिवाद दायर किया है, जिसमें 169 पन्नों में विस्तृत अभियोजन परिवाद है।

ED ने 16 आरोपियों को किया जांच में शामिल

आरोप है कि इन लोगों ने 90 करोड़ 48 लाख 22 हजार 255 रुपए का घोटाला किया है। ईडी के अधिवक्ता पांडेय ने आज बताया कि विशेष अदालत ने आईएएस रानू साहू, राज्य प्रशासनिक अधिकारी माया वारियार, एनजीओ सचिव मनोज कुमार द्विवेदी समेत अन्य टेंडरकर्ता संजय शिंदे, अशोक कुमार अग्रवाल, मुकेश कुमार अग्रवाल, ऋषभ सोनी व रवि शर्मा, पीयूष सोनी, पीयूष साहू व अब्दुल शेखर समेत 16 आरोपियों को ईडी जांच में शामिल किया है। जांच में पाया गया है कि बिल की कुल कीमत से अधिक का भुगतान निजी कंपनियों व अधिकारियों के बीच बांटकर किया गया है।

क्या है DMF का पूरा मामला

गौरतलब है कि DMF फंड घोटाला मामले में रानू साहू की करीबी माया वारियार से पूछताछ के बाद मनोज द्विवेदी को पूछताछ के लिए तीन बार दफ्तर बुलाया गया था। मनोज द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं दिए जाने पर ईडी ने उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड हासिल किया था। ईडी ने DMF घोटाले में माया वारियार को 15 अक्टूबर और रानू साहू को 17 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। दोनों को इस मामले में मुख्य आरोपी माना जा रहा है।

यह भी पढ़ेंः-Tahir Hussain : ओवैसी ने दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को दिया टिकट, BJP ने साधा निशाना

मनोज पर DMF ठेकों में दलाली के जरिए ठेकेदारों से 12 करोड़ रुपये की अवैध वसूली करने और यह रकम माया वारियर के जरिए रानू साहू तक पहुंचाने का आरोप है। इस मामले में माया वारियर से पूछताछ के बाद हुए खुलासे के आधार पर ठेकेदार मनोज कुमार द्विवेदी को गिरफ्तार किया गया है। मनोज द्विवेदी ने यह रकम एक एनजीओ ‘उद्गम सेवा समिति’ के नाम पर ली थी। ईडी की जांच में पता चला है कि मनोज ने खुद अवैध वसूली से 7-8 करोड़ रुपये कमाए हैं।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)

Exit mobile version