रांचीः झारखंड में कोरोना काल में नशे के कारोबार में बढ़ोत्तरी हुई है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी ) के अनुसार कोरोना कॉल में झारखंड में 2020 में 1532 किलोग्राम गांजा और 36 किलोग्राम अफीम के साथ तस्करी के 50 आरोपितों की गिरफ्तारी हुई थी। इस वर्ष यानी 2021 में 26 जून तक नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने 2534 किलो गांजा के साथ तस्करी के 21 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इस वर्ष को खत्म होने में अभी छह माह शेष है। आंकड़े बताते हैं कि पिछले पांच वर्षों में नशे के कारोबार में आठ गुना की बढ़ोत्तरी हुई है।
वर्ष 2020 -21 में झारखंड में एनसीबी ने 2006 एकड़ में अफीम की फसल को नष्ट किया। इसके मुकाबले 2016-17 में 2741.2 एकड़, 2017-18 में 2160.85 एकड़, 2018-19 में 1800.15 एकड़ और 2019-20 में 1838 एकड़ में लगी अफीम की खेती नष्ट की गई थी। एनसीबी के अनुसार झारखंड में अफीम की खेती हाल के वर्षों में बढ़ी है। यहां की अफीम की मांग विदेशों में बढ़ रही है। झारखंड से अफीम बिहार एवं बंगाल के रास्ते बड़े महानगरों मुंबई दिल्ली, पंजाब और चेन्नई पहुंच रहा है। जहां से नशे का सामान यूएस, वेस्टर्न यूरोप, कनाडा, साउथ अफ्रीका, श्रीलंका और मालदीप जैसे देशों में पहुंच रहा है।
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एनसीबी के एसपी सुरेश सिंह ने बताया कि गांजा एवं अफीम तस्करों की जानकारी कोई भी व्यक्ति नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को दे सकता है। सूचना देने वाले की जानकारी गुप्त रखी जाता है। ऐसे तस्करों की जानकारी देने वालों को नगद इनाम भी दिया जाता है। नशे के कारोबार पर केंद्रीय गृह मंत्रालय भी गंभीर है। गृह मंत्रालय ने झारखंड, ओडिशा, बिहार, पश्चिम बंगाल एवं छत्तीसगढ़ के डीजीपी को पत्र लिखकर ईस्टर्न रीजनल पुलिस कोआर्डिनेशन कमेटी की बैठक करने को कहा था। अभी 29 जून को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पांच राज्यों की पुलिस ने नशे के कारोबार सहित अन्य मामलों पर संयुक्त रूप से अभियान चलाने की रणनीति बनाई है।