Mahamrityunjay Temple, वाराणसी: धार्मिक नगरी काशी अपने आप में कई रहस्य समेटे हुए है। इन्हीं में से एक है धन्वंतरि कुआं, जिसका जल पीने के लिए लोग लंबी-लंबी कतारों में लग जाते हैं। इस कुएं को धन्वंतरि कुआं कहा जाता है। मान्यता है कि भगवान धन्वंतरि ने कई वर्षों तक यहां कठोर तपस्या की थी और देवलोक जाते समय उन्होंने अपनी सभी औषधियां इसी कुएं में डाल दी थीं। तभी से मान्यता है कि इस कुएं का जल पीने से सभी रोगों से मुक्ति मिलती है।
पुराणों में आयुर्वेद का उल्लेख
यह चमत्कारी कुआं वाराणसी के महामृत्युंजय मंदिर (Mahamrityunjay Temple) परिसर में स्थित है। भगवान धन्वंतरि को देवताओं का वैद्य माना जाता है और पुराणों में उनका उल्लेख आयुर्वेद के देवता के रूप में किया गया है। इसलिए धन्वंतरि कुएं का औषधीय जल पीने से सभी रोगों से मुक्ति मिलती है। वाराणसी के मैदागिन स्थित महामृत्युंजय परिसर में स्थित कुएं का जल पीने के लिए हर दिन दूर-दूर से लोग आते हैं।
प्राचीन काल से ही पूजनीय है कुआं
श्रद्धालुओं को जल पिलाने के लिए वहां हमेशा सात-आठ लोग मौजूद रहते हैं। इस कुएं में कुल आठ घाट हैं, लेकिन पानी सिर्फ एक घाट से ही भरा जाता है। प्राचीन काल में इस मंदिर परिसर में कुल सात कुएं हुआ करते थे। पुजारी विनय कुमार ने बताया कि यह महामृत्युंजय महादेव का मंदिर है। यह कुआं प्राचीन काल से ही पूजनीय है।
ये भी पढ़ेंः- Sawan 2024: सावन में क्यों है दही और साग खाने की मनाही, जानें इसका धार्मिक एवं वैज्ञानिक कारण ?
Mahamrityunjay Temple: दुर्लभ है ये मंदिर
जो भक्त काशी विश्वनाथ नहीं जा पाते हैं, वे महादेव के दर्शन के लिए इस महामृत्युंजय मंदिर में आते हैं। यह एक दुर्लभ मंदिर है, जहां एक ही परिसर में इतने सारे देवी-देवता एक साथ विराजमान हैं। यहां दो द्वादश ज्योतिर्लिंग नागेश्वर और महाकालेश्वर महादेव के अंश स्थित हैं। साथ ही सभी ज्योतिर्लिंग सतयुग के हैं और स्वयंभू हैं। यहां कोई शिवलिंग स्थापित नहीं है।