दीपावली पर्व को लेकर बाजारों में रौनक, दुकानदारों के खिले चेहरे

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कारोबार

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Dipawali 2023: दीपावली पर्व को लेकर रविवार की सुबह से ही फुटपाथ पर अस्थायी दुकानें सज गयी थीं। इन स्थानों पर सामान खरीदने के लिए भीड़ उमड़ पड़ी। व्यवसायिक प्रतिष्ठानों व घरों की साफ-सफाई भी की गयी। लोगों ने धन और समृद्धि की अधिष्ठात्री देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए विशेष रूप से मिट्टी के दीये और मोमबत्तियां खरीदीं। धन और ऐश्वर्य की देवी मां लक्ष्मी की पूजा के लिए लोगों ने मां लक्ष्मी और गणेश की मूर्तियां भी खूब खरीदीं।

बाजारों में लकड़ी और थर्माकोल से बने रंग-बिरंगे घरेलू सामान और मिट्टी के बर्तनों की खरीदारी हुई। सुबह से ही बाजारों में खरीदारी के लिए भीड़ रही और शाम तक बाजार में जमकर खरीदारी हुई। खरीदारी से दुकानदारों के चेहरे भी खुश दिखे।

दीपावली को लेकर लोगों में उत्साह 

दीपावली को लेकर दुकानों पर ग्राहकों की काफी भीड़ रही। इस दौरान बाजारों में स्थाई और अस्थाई दुकानों पर मां लक्ष्मी, गणेश और कुबेर की मूर्तियों की मांग सबसे ज्यादा रही। बाजार में 50 रुपये से लेकर एक हजार रुपये तक की गणेश व लक्ष्मी की मूर्तियां उपलब्ध थीं। गणेश, लक्ष्मी, कुबेर और हनुमान की मूर्तियाँ मिट्टी और प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनाई जाती थीं। वहीं सराफा कारोबारी सी.पी. सिंह ने बताया कि मां लक्ष्मी, गणेश और कुबेर की चांदी की मूर्तियों की खरीदारी भी सही ढंग से हुई है. ये मूर्तियां चार हजार से दस हजार रुपये तक में खरीदी गई हैं।

मिट्टी के दीयों की अधिक बिक्री

चीन के साथ अतीत और वर्तमान तनाव के बाद, बाजारों में चीनी स्कर्ट की कमी देखी गई। वहीं इलेक्ट्रॉनिक दुकानदार भी दीये बेचते नजर आये. दिवाली के त्योहार में दीया और बाती का एक अलग ही महत्व होता है. इस साल लोगों का रुझान चाइनीज सामानों की ओर कम दिखा। लोगों ने स्वदेशी दीयों और दीयों को महत्व दिया। बाजार में 100 रुपये प्रति सैकड़ा से लेकर तीन-चार रुपये प्रति पीस तक के दीये उपलब्ध थे। पहले की तुलना में इस साल दीये के कारोबार में बढ़ोतरी हुई है।

रंगोली की दुकानों पर उमड़ी भीड़

बाजार में रंग-बिरंगे रंगोली व स्टीकर से सजी दुकानों पर बच्चों की काफी भीड़ देखी गयी। घर की सजावट के लिए अपने पसंदीदा आकार की रंगोली, माता लक्ष्मी के चरण पादुका स्टीकर, बंधन दीवार, मोती की माला, प्लास्टिक कलश खरीदा।

सूखी मिठाइयों की मांग

शहर के बेला, सहार, याकूबपुर, बिधूना, मल्हौसी समेत अन्य स्थानों पर मिठाई की स्थाई व अस्थाई दुकानों पर पूरे दिन ग्राहकों की भीड़ लगी रही। लोगों ने अपनी मनपसंद मिठाइयां खरीदीं और एक-दूसरे को उपहार दिए। नकली मिठाइयों से बचते हुए लोगों ने विश्वसनीय और प्रतिष्ठित दुकानों से मिठाइयां खरीदना ज्यादा सुरक्षित समझा। दुकानों में सूखे मेवे से बनी मिठाइयों की मांग सबसे अधिक रही। ब्रांडेड कंपनियों के गिफ्ट पैक, बेसन और बूंदी के लड्डू भी खरीदे गए।

बाजारों में भीड़ रही

रविवार को अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक भीड़ थी. बाजारों में पैर रखने तक की जगह नहीं थी और एक बार अगर कोई वाहन बाजार में फंस गया तो वह जल्दी से निकल नहीं पाता था। पुलिस ने जगह-जगह नाके लगाए थे, लेकिन इसके बाद भी बाजारों में वाहनों की आवाजाही नहीं रुक रही थी।

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