नई दिल्ली: सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि अग्रणी ई-गवर्नेंस प्लेटफॉर्म डिजिलॉकर लाखों नागरिकों को डिजिटल उपकरणों से सशक्त बना रहा है और उनके जीवन को सरल बना रहा है। आईटी मंत्रालय के राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्रभाग (NeGD) द्वारा आयोजित साप्ताहिक लाइव कार्यक्रम में देशभर से लाखों लोग शामिल हुए।
मंत्रालय ने दिए सवालों के जवाब
कार्यक्रम का प्रसारण डिजिटल इंडिया के यूट्यूब चैनल पर किया गया। कार्यक्रम के दौरान दर्शकों ने सीधे सवाल पूछे और डिजिलॉकर प्लेटफॉर्म के विभिन्न पहलुओं पर स्पष्टीकरण मांगा। मंत्रालय के अनुसार, विशेषज्ञों ने एक व्यापक प्रस्तुति दी और डिजिलॉकर की कार्यक्षमता और लाभों के बारे में गहराई से चर्चा की। लोगों ने इस कार्यक्रम में उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम में ऐसे 9 प्रतिभागियों का चयन किया गया जिन्होंने डिजिलॉकर के बारे में बहुत उपयोगी प्रश्न पूछे। इन प्रतिभागियों को ‘डिजिटल इंडिया प्रश्न निंजा’ के रूप में मान्यता दी गई।
सुरक्षित क्लाउड-आधारित प्लेटफ़ॉर्म है DigiLocker
मंत्रालय ने कहा कि इस श्रृंखला का उद्देश्य ‘डिजिटल इंडिया’ पहल के तहत प्रमुख परियोजनाओं के बारे में बताना और लोगों को इन परिवर्तनकारी कार्यक्रमों का प्रबंधन और संचालन करने वाले विशेषज्ञों से सीधे जुड़ने का अवसर देना है। सरकार ने हाल ही में उमंग ऐप को देश के डिजिटल वॉलेट डिजिलॉकर के साथ एकीकृत करने की घोषणा की है, जिससे उपयोगकर्ता एक ही प्लेटफॉर्म से कई सेवाओं का प्रबंधन कर सकेंगे।
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NeGD के अनुसार, इस सहयोग का उद्देश्य नागरिकों को अधिक सुविधा प्रदान करते हुए अधिक से अधिक सरकारी सेवाओं तक पहुँच प्रदान करना है। गौरतलब है कि डिजिलॉकर स्टोरेज के लिए एक सुरक्षित क्लाउड-आधारित प्लेटफ़ॉर्म है, जिसके साथ उपयोगकर्ताओं को अपने दस्तावेज़ों को सत्यापित करने और साझा करने की सुविधा मिलती है। डिजिलॉकर वर्तमान में 30 करोड़ उपयोगकर्ताओं को लगभग 6.75 बिलियन दस्तावेज़ों को संग्रहीत करने की अनुमति दे रहा है।
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