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DG जेल ने चलाया हंटरः नैनी, बांदा व बरेली के अधीक्षकों पर गिरी गाज, निलंबित

लखनऊ: पुलिस महानिदेशक कारागार एसएन साबत ने कार्यभार संभालते ही एक्शन मोड पर आ गए हैं। मंगलवार को डीजी जेल ने बड़ी कार्रवाई करते हुए प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल समेत तीन जेल अधीक्षकों को निलम्बित कर दिया है। जिन अधिकारियों पर डीजी जेल की गाज गिरी है, उनमें बांदा जेल के अधीक्षक अविनाश गौतम, नैनी जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक शशिकांत सिंह, बरेली जेल के अधीक्षक राजीव शुक्ला का नाम शामिल है।

बरेली जेलः अशरफ से मुलाकात कराने में गिरी गाज

कथित तौर पर प्रयागराज के उमेश पाल हत्या की पूरी प्लॉनिंग बरेली सेंट्रल जेल में ही बनाई गई थी। इस मामले में शासन ने बड़ी कार्रवाई की है। जेल में बंद अशरफ से उसके गुर्गों की मुलाकात कराने के आरोपों में बरेली सेंट्रल जेल के जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला को सस्पेंड कर दिया गया है। डिप्टी जेलर दुर्गेश प्रताप समेत 5 अधिकारी को पहले ही निलंबित किया गया है। इस कार्रवाई से पहले मामले में बरेली पुलिस ने जेल के सिपाही मनोज कुमार गौड़, शिव हरि समेत 11 को अरेस्ट किया गया था। आरोप है कि वह बिना आईडी अशरफ से अतीक के गुर्गों से मुलाकात करवाता था। बता दें कि 11 फरवरी को शूटर बरेली जेल में अशरफ से मिले थे।

नैनी जेलः आपत्तिजनक वस्तुएं हुईं थीं बरामद

यूपी के माफिया अतीक को बीती 28 मार्च को प्रयागराज की एक एमपीएमएलए कोर्ट से उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद उसे नैनी सेंट्रल जेल लाया गया था। नैनी के वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने माफिया अतीक को जेल में दाखिल नहीं होने दिया। उनके निलंबित होने का एक कारण माफिया अतीक को जेल में दाखिल न करके गेट पर करीब 5 घंटे तक इंतजार करवाना था। इंतजार के बाद अतीक को साबरमती जेल भेजा गया। इसके अलावा तीन दिन पहले पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने जेल में औचक निरीक्षण किया था जिसमें कई आपत्तिजनक वस्तुएं भी बरामद हुई थीं।

बांदा जेल में हुई थी खुफिया जांच

बांदा जेल में पूर्वांचल का माफिया मुख्तार अंसारी बंद है। उसके खिलाफ भी लगातार कार्रवाई की जा रही है। इस मामले में डीजी जेल की ओर से खुफिया जांच कराई गई। डीआईजी जेल की रिपोर्ट के आधार पर बांदा के जेल अधीक्षक अविनाश गौतम सस्पेंड कर दिए गए हैं। डीजी जेल की रिपोर्ट के अधार पर कार्रवाई की गई है।

उमेश की हत्या से पहले जेल में मिले थे शूटर

प्रयागराज में उमेश की हत्या 24 फरवरी को गोली और बम बरसाकर की गई थी। इसमें 2 सिपाही भी मारे गए थे। हत्याकांड से ठीक 13 दिन पहले बरेली सेंट्रल जेल में अशरफ से 9 शूटर मिलने आए थे। 11 फरवरी को अतीक का बेटा असद, विजय उर्फ उस्मान चौधरी, गुड्डू मुस्लिम, गुलाम और अन्य पांच आरोपियों ने फर्जी आईडी से अशरफ से मुलाकात की। इसके बाद 24 फरवरी को घटना को अंजाम दिया था।

 रिपोर्ट-पवन सिंह चौहान

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