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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की अनुपम छटा देख भाव-विभोर हुए श्रद्धालु

लखनऊः हजारों दीपों व रंग-बिरंगी लाइटों से जगमग। फूल-मालाओं से सजा मंदिर। भगवान श्रीकृष्ण के भजनों में भाव-विभोर होकर डूबे श्रद्धालु। कुछ ऐसा ही नजारा था श्रीकृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव के अवसर पर श्री राधामाधव देवस्थानम् (मंदिर) का। वसुप्रधा फाउंडेशन ट्रस्ट द्वारा माधवग्रीन्स, गोमतीनगर में स्थापित श्री राधामाधव देवस्थानम् में विगत एक पखवारे से ही बाल गोपाल के जन्मोत्सव के भव्य आयोजन को लेकर तैयारियां चल रही थीं।

मंदिर प्रबंधन ने सभी तैयारियां पूरी कर ली थीं और श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के अवसर पर शाम 04 बजे से ही कार्यक्रम शुरू हो गए थे। हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालु ढोल, मजीरा, हार्मोनियम व खंजरी के साथ भगवान के भजनों में डूबे हुए थे और भगवान के जन्म की पावन घड़ी का इंतजार कर रहे थे। रात्रि 12 बजते ही सभी भक्तों के आंखों में चमक आ गई और भाव-विभोर श्रद्धालुओं की खुशी का ठिकाना न रहा। मंदिर के ट्रस्टी लोकेन्द्र चतुर्वेदी (गुरूजी) के नेतृत्व में बाल गोपाल का विधिवत पूजन-अर्चन कराया गया। जैसे ही बाल गोपाल के अनुपम झांकी व जन्मोत्सव की पट्टिका खुली, तो श्रद्धालु अश्रुपूर्ण नेत्रों से अपलक उन्हें निहारते ही रह गए।

इसके साथ ही पूरा वातावरण शंख, घंटे-घड़ियाल व खंजरी की आवाज से गुंजायमान हो उठा। जन्माष्टमी महोत्सव की अध्यक्षता कर रहे मुख्य ट्रस्टी मथुरेश श्रीवास्तव भी कान्हा के जन्मोत्सव की अनुपम छटा देखकर भाव-विभोर दिखे और लड्डू गोपाल को झूला झुलाया व आरती उतारी।

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उन्होंने कहा कि जब भगवान श्रीकृष्ण कंस के कारागृह में प्रकट हुए थे, तो वहां पसरा अंधेरा छट गया था। उसी प्रकार जब भगवान इस जगत में हमारे हृदय तथा जीवन में प्रकट होते हैं, तब वह अज्ञानरूपी अंधकार नष्ट करके हमारे जीवन में उजाला, ज्ञान और आनंद को प्रसारित कर देते हैं। लड्डू गोपाल के जन्मोत्सव के उपरांत वहां पर मौजूद शहर के गणमान्य नागरिकों व हजारों श्रद्धालुओं ने लड्डू गोपाल को झूला झुलाकर आरती उतारी व महोत्सव का महाप्रसाद ग्रहण किया।

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