गुवाहटी: उगते सूरज की भूमि अरुणाचल प्रदेश पूर्वोत्तर के सात बहन राज्यों में से एक है। यह भारत के सबसे खूबसूरत स्थानों में से एक है। यह राज्य पर्यटन का हब बनने की क्षमता रखता है। इस दिशा में कार्य करते हुए पूर्वोत्तर सीमा रेलवे (पूसीरे) ने इस राज्य में बुनियादी ढांचे का जबरदस्त विकास किया है।
जानकारी के अनुसार 2014-22 की अवधि के दौरान पूसीरे ने पर्यटन को बढ़ावा और कनेक्टिविटी में सुधार के लिए अरुणाचल में कई विकासात्मक और ढांचागत कदम उठाए हैं। 661 करोड़ की लागत से मुरकंगसेलेक-पासीघाट नई लाइन (26.15 किमी) के क्रियान्वयन को मंजूरी दी गई है। अधिक नई ब्रॉड गेज लाइनों के लिए सर्वेक्षण चल रहे हैं। कुछ महत्वपूर्ण सर्वेक्षण जैसे लेखापानी से देबान वाया नामपोंग (75 किमी), दुमदुमा से वाकरो (96 किमी) वाया शिमलगुड़ी, नामसाई और चौखम, डांगरी से रोइंग (60 किमी) और तिनसुकिया (लोंगपटिया) से पासीघाट (300 किमी) वाया कानुबारी, देवमाली, लेखापानी, जयरामपुर, खरसांग, मियाव, दीयू, तेजू, भीष्मकनगर, रोइंग और डम्बुक, धलाईबिल से सेइजोसा (18 किमी) वाया इटाखोला, नाहरकटिया से देवमाली (20 किमी), मिसामारी (भालुकपोंग) से तवांग (198 कि.मी.) वाया तेंगा, उत्तर लखिमपुर से बामे (87 किमी) वाया सिलापथार, पासीघाट से रूपई (217.8 किमी) वाया तेजू और लेखापानी और खरसांग (26.2 किमी) पर कार्य जोरों पर चल रहे हैं। एक बार पूरा हो जाने पर ये नई लाइनें राज्य में अंततः सामाजिक-आर्थिक उछाल का नेतृत्व करेंगी।
इन नई लाइनों के सर्वेक्षण के अलावा, अरुणाचल में अन्य बुनियादी रेलवे अवसंरचनाओं में भी बढ़ोतरी हुई है। मार्च, 2020 में नाहरलगुन में नए कोचिंग मेंटेनेंस डिपो की स्थापना और फिर चालू किया गया। नाहरलगुन स्टेशन की मशीनीकृत सफाई 2018-19 से शुरू हुई। गुमटो, नाहरलगुन और भालुकपोंग स्टेशनों पर दिव्यांगजनों के लिए शौचालय की व्यवस्था प्रदान की गई है। स्टेशनों पर ट्रेन इंडिकेशन बोर्ड, कोच इंडिकेशन बोर्ड और एकीकृत यात्री सूचना प्रणाली प्रदान की गयी। अरुणाचल के मनोनीत स्टेशनों पर यात्री आरक्षण प्रणाली, अनारक्षित टिकट प्रणाली और निःशुल्क हाई स्पीड वाई-फाई भी प्रदान किए गये हैं। नाहरलगुन और भालुकपोंग स्टेशनों पर नकद रहित लेनदेन के लिए प्वाइंट ऑफ सेल मशीन लगायी गयी है। पूसीरे के गो-ग्रीन मिशन के एक हिस्से के रूप में 2017-18 के दौरान नाहरलगुन, भालुकपोंग और गुमटो स्टेशनों पर 100 प्रतिशत एलईडी प्रकाश की व्यवस्था की गई हैं। 2018-19 के दौरान नाहरलगुन में 10 केडब्ल्यूपी के एक सौर ऊर्जा संयंत्र की भी स्थापना की गयी है।
माल ढुलाई को आसान करने के लिए नाहरलगुन स्टेशन को जावक और आवक दोनों माल परिवहन के लिए खोल दिया गया। 2021-22 के दौरान आवश्यक वस्तुओं के साथ 55 मालगाड़ियां अरुणाचल पहुंची और विभिन्न वस्तुओं के साथ 39 पार्सल वैन अरुणाचल के लिए लोड हुई थीं। अरुणाचल में बेहतर रेल कनेक्टिविटी से न केवल स्थानीय आबादी, बल्कि पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी लाभ होगा। इस क्षेत्र के
विकास और सुरक्षा में अरुणाचल एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। पूर्वोत्तर क्षेत्र के समग्र विकास के लिए रेलवे अरुणाचल के बदलाव में अपना प्रयास जारी रखेगी।