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आंबेडकर व महात्मा बुद्ध की मूर्तियाें की बढ़ी मांग, स्टाॅलों पर मूर्तिकारों का बढ़ रहा हौसला

ambedkar-jayanti लखनऊ: भारतीय संविधान के निर्माता व दलितों के मसीहा डाॅ. बी.आर. आंबेडकर की जयंती आज मनाई जा रही है। इस दिन लोग उनके आदर्शों व जनकल्याण के प्रति उनके योगदान के लिए उन्हें याद कर रहे हैं। जगह-जगह उनकी प्रतिमाओं पर पुष्प वर्षा की जा रही है। डाॅ. आंबेडकर की जयंती पर आपको बता दें कि इस बार उनकी मूर्तियां भी बाजार में खूब बिक रही हैं। इतना ही नहीं, गौतम बुद्ध की मूर्तियाें की भी मांग बढ़ी है। लोग उनके आदर्शों को अपनी अगली पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए अपने घरों में उनकी मूर्तियाें को स्थान दे रहे हैं।

लखनऊ में स्टाॅलों पर बिक रहीं आंबेडकर व बुद्ध की मूर्तियां -

डॉ. बी.आर. आंबेडकर की जयंती पर पहली बार लखनऊ में आंबेडकर और महात्मा बुद्ध की मूर्तियों की बिक्री के लिए अस्थाई स्टॉल लगे हैं। आंबेडकर ने बौद्ध धर्म अपना लिया था और समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों से भी ऐसा करने की अपील की थी। दलितों के इस आदर्श पुरुष और महात्मा बुद्ध की बढ़ती लोकप्रियता का यह प्रतीक है। साथ ही डॉ. आंबेडकर की बढ़ रही स्वीकार्यता का भी प्रतीक है जो राजनीति से परे है। दलित इन मूर्तियों को खरीद रहे हैं और अपने बच्चों को आंबेडकर और उनके दर्शन के बारे में बताने के लिए अपने घरों में रख रहे हैं। यह भी पढ़ें-GT vs PBKS: पंजाब को नहीं मिला शुभमन गिल का तोड़, गुजरात ने 6 विकेट से हराया

पहली बार आंबेडकर की मूर्तियां बेचने आए मूर्तिकार -

पेशे से चित्रकार हीरामोती गौतम ने कहा, मेरे लिए आंबेडकर भगवान हैं। मैंने एक छोटी मूर्ति खरीदी है और इसे अपने मंदिर में रखूंगा ताकि मेरे बच्चे उन्हें देवता के रूप में सम्मान देना सीख सकें। आंबेडकर और बुद्ध की मूर्तियां बेचने वाले दुकानदारों ने कहा कि यह पहली बार है जब वे यहां मूर्तियां बेचने आए हैं। राजस्थान से ताल्लुक रखने वाले हरीश ने कहा, इस तरह के स्टॉल जन्माष्टमी के दौरान लगाए जाते हैं, जहां भगवान कृष्ण की मूर्तियां बेची जाती हैं, फिर गणपति उत्सव और दिवाली के दौरान। यह पहली बार है कि हम यहां आंबेडकर और बुद्ध की मूर्तियों के साथ आए हैं और प्रतिक्रिया जबरदस्त रही है। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)