नई दिल्ली: आज एमसीडी हाउस में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही हंगामे के कारण कुछ देर बाद 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। 10 मिनट बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई। बीजेपी पार्षद और आम आदमी पार्षद आमने-सामने आ गए और नारेबाजी करने लगे और सदन में हंगामा होने लगा। पीठासीन अधिकारी द्वारा एमसीडी हाउस में कहा गया कि महापौर, उप महापौर और स्थायी समिति सदस्यों के चुनाव के लिए एल्डरमैन मान्य है। इसके बाद एमसीडी हाउस में हंगामा शुरू हो गया। और आज फिर एमसीडी हाउस को अगली बैठक तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
गौरतलब है कि आज दिल्ली के सिविक सेंटर स्थित एमसीडी सदन में दिल्ली मेयर के चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने से पहले पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि मनोनीत पार्षद ( एल्डरमैन) मेयर के लिए, डिप्टी मेयर के लिए मान्य है और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव के लिए, एल्डरमैन मतदान कर सकते हैं। पीठासीन अधिकारी सत्य शर्मा ने बताया कि इस चुनाव में एल्डरमैन मतदान करेंगे और मेयर, डिप्टी मेयर और स्थायी समिति सदस्यों का चुनाव एक साथ होगा।
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आप पार्षद और सदन के नेता मुकेश गोयल ने कहा, सुप्रीम कोर्ट का आदेश साफ तौर पर कहता है कि एल्डरमैन सिर्फ वार्ड कमेटी के चुनाव में ही वोट कर सकते हैं। लेकिन मेयर के चुनाव में वोट नहीं कर सकते। यह पूरी तरह से अवैध है। दरअसल, सत्य शर्मा के संबोधन के बाद आप और बीजेपी के पार्षदों के बीच धक्का-मुक्की शुरू हो गई। और पीठासीन अधिकारी द्वारा सदन को पहले 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया। इसके बाद आप पार्षद व भाजपा पार्षद आमने-सामने आ गए और हंगामा करने लगे। पीठासीन अधिकारी ने कहा कि वोट देने का अधिकार किसे नहीं है। उसे घर से बाहर जाना है। आप नेता अखिलेश पति त्रिपाठी और संजीव झा को वोट देने का अधिकार नहीं होने के कारण सदन से बाहर जाने को कह दिया गया। इसके बाद आप पार्षदों ने फिर से भाजपा पार्षद के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी
पीठासीन अधिकारी ने दिल्ली हाई कोर्ट के 2016 के एक आदेश का हवाला दिया कि मनोनीत पार्षद (एल्डरमैन) को मेयर के चुनाव में वोट देने का अधिकार है। जबकि आप नेताओं का कहना है कि पीठासीन अधिकारी ने 2016 के कोर्ट के आदेश को पढ़ा तक नहीं। क्योंकि कोर्ट के आदेश में लिखा है कि मनोनीत पार्षद (एल्डरमैन) मेयर के चुनाव में वोट नहीं डाल सकता है। मीडिया को संबोधित करते हुए आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि एक बार फिर देश ने देखा है कि कैसे बीजेपी ने लोकतंत्र, संविधान और डीएमसी एक्ट का गला घोंट कर चुनाव नहीं होने दिया। आगे संजय सिंह ने कहा कि केवल मेयर का चुनाव कराने का अधिकार रखने वाले पीठासीन अधिकारी ने कहा कि मेयर, डिप्टी मेयर और स्थायी समिति के सदस्यों का चुनाव एक साथ होगा। और बुजुर्ग भी मतदान करेंगे। यह पूरी तरह से संविधान का उल्लंघन है। अब ये पूरा मामला कोर्ट के सामने जाएगा, हमें उम्मीद है कि वहां से हमें इंसाफ मिलेगा।
बता दें कि दिल्ली में 4 दिसंबर को नगर निगम चुनाव हुए थे। और नतीजे 7 दिसंबर को आए, जिसमें आम आदमी पार्टी ने 250 में से सबसे ज्यादा 134 सीटें जीतीं। करीब 2 महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक मेयर का चुनाव नहीं हो पाया है। एमसीडी सदन में 6 और 24 जनवरी को हुई बैठकों में आप और बीजेपी पार्षदों के बीच हंगामे के चलते दिल्ली को अभी तक नया मेयर नहीं मिल पाया है। वहीं आज 6 फरवरी को भी मेयर का चुनाव नहीं हो सका। साथ ही एमसीडी हाउस को अगली बैठक तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
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