नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय ने भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल के लिए 463 स्वदेशी 12.7 मिमी स्थिर रिमोट कंट्रोल गन (Steady Remote Control Guns) (SRCG) खरीदने का निर्णय लिया है। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के मद्देनजर बुधवार को SRCG के लिए एडवांस्ड वेपन इक्विपमेंट इंडिया लिमिटेड (AWEIL) के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस अनुबंध की कुल लागत 1752.13 करोड़ रुपये है और इन तोपों के निर्माण में 85 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी सामग्री का उपयोग किया जाएगा।
आत्मनिर्भरता पर जोर
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, स्वदेशी 12.7 मिमी स्थिर रिमोट कंट्रोल गन भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल की दिन और रात दोनों समय जहाजों के लिए खतरा पैदा करने वाले छोटे लक्ष्यों पर सटीक हमला करने की क्षमता को बढ़ाएगी।
ये बंदूकें ‘रक्षा में आत्मनिर्भरता’ के दृष्टिकोण को और मजबूत करेंगी। यह अनुबंध 5 वर्षों के भीतर 125 से अधिक भारतीय विक्रेताओं और घरेलू रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के लिए रक्षा विनिर्माण में एक बड़ा अवसर खोलेगा। यह पूरी तरह से स्थिर रिमोट कंट्रोल गन है। इन तोपों का निर्माण भारत में किया जा रहा है।
दिन और रात के खतरों का मुकाबला
स्थिर रिमोट कंट्रोल गन का पहला बैच 12.77 मिमी का था। इनका निर्माण जुलाई 2021 में आयुध फैक्ट्री, तिरुचि में किया गया था। आयुध फैक्ट्री ने एक इजरायली फर्म के सहयोग से इन तोपों का निर्माण किया था। निर्माण के बाद, इन स्थिर रिमोट कंट्रोल बंदूकों को तटरक्षक बल और भारतीय नौसेना को सौंप दिया गया।
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इन तोपों का निर्माण विशेष रूप से समुद्री उपयोग के लिए किया गया था। इन तोपों को बड़े और कुछ छोटे जहाजों पर लगाया जा सकता था। एसआरसीजी बंदूकें दिन के समान सटीकता के साथ रात में भी छोटे जहाजों, छोटी नावों और नाव के खतरों का मुकाबला कर सकती हैं।
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