NMDC की लापरवाही से क्षतिग्रस्त हुआ था डैम, हजारों लोग झेल रहे तबाही

36
negligence-of-nmdc-people-are-facing-devastation

दंतेवाड़ाः जिले के किरंदुल क्षेत्र में पहाड़ी पर बने एन-1बी बांध का निर्माण राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (NMDC) ने कराया था। पिछले चार दिनों से लगातार हो रही बारिश के कारण रविवार शाम करीब 4 बजे पहाड़ी पर बना एन-1बी बांध क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे तीन गायें बह रही थीं, उन्हें बचा लिया गया, वहीं ट्यूशन जा रहे दो बच्चे भी पानी में बह गए, जिन्हें बचाकर अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनकी हालत अब सामान्य है।

आपसी विवाद में नहीं की गई सफाई

पहाड़ी क्षेत्र में एनएमडीसी की लापरवाही के कारण बांध टूट गया और पानी का बहाव इतना तेज था कि दर्जनों मोटरसाइकिल, कई कारें और बड़े ट्रक भी इसके बहाव में बह गए। इस आपदा की बाढ़ की चपेट में करीब 100 से 150 घर आ गए, जिससे घर का सारा सामान मलबे में भर गया, चारों तरफ तबाही का मंजर देखने को मिला। बांध की क्षमता 10 हजार घनमीटर है, जिसकी हर साल सफाई करनी पड़ती है। लेकिन एनएमडीसी और नगर पालिका के आपसी विवाद के कारण दो साल से इस बांध की सफाई नहीं हुई, जिसके कारण लोगों को इतनी बड़ी आपदा का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।

किरंदुल बंगाली कैंप के वार्ड क्रमांक 3, वार्ड क्रमांक 4 और वार्ड क्रमांक 6 में पहाड़ी नाले का पानी लोहे के चूर्ण के साथ घरों में घुस गया। लोग अपना घर का सामान छोड़कर जान बचाने के लिए भागे। लाल पानी का सैलाब इतना भयानक था कि जो भी उसके रास्ते में आया उसे बहा ले गया। घर के अंदर कमर तक कीचड़ भर गया, घर का सारा सामान खराब हो गया। इसके बाद जिला प्रशासन ने तत्काल राहत कार्य चलाकर लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।

स्थिति पर लगातार नजर

प्रभावित परिवारों को मंगल भवन में ठहराया जा रहा है। इसके अलावा किरंदुल के नाले, पुलिया और सीएससी केंद्र के पास बारिश के कारण जलभराव होने के कारण जेसीबी मशीन से सड़क की सफाई भी की गई है। लगातार हो रही भारी बारिश के कारण इन इलाकों में रहने वाले लोगों को भी दूसरे स्थानों पर जाने की हिदायत दी जा रही है ।

यह भी पढ़ेंः-UP: रोडवेज बस की निजी बस से टक्कर, चालक समेत चार की मौत, कई गंभीर

उल्लेखनीय है कि एनएमडीसी ने किरंदुल बंगाली कैंप से एक किलोमीटर की दूरी पर लौह अयस्क खदान के नीचे वर्ष 1989 में चेक डैम क्रमांक 6 का निर्माण कराया था, ताकि बारिश के दौरान पहाड़ी के झरने के साथ लौह अयस्क खदानों से बहकर आने वाले लौह चूर्ण को डैम में रोका जा सके। जिसके लिए डैम की ऊंचाई 6 मीटर और चौड़ाई 40 मीटर रखी गई है। डैम की क्षमता 10 हजार घन मीटर है। जिसकी सफाई एनएमडीसी हर साल ठेकेदारों से कराता था। लेकिन पिछले 2 वर्षों से नगरपालिका किरंदुल और एनएमडीसी के आपसी विवाद के कारण चेक डैम क्रमांक 6 की सफाई नहीं कराई गई। जिसके कारण डैम ओवरफ्लो हो गया और इसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ा।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)