कोलकाता: पश्चिम बंगाल राज्य समन्वय समिति ने सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाकर ‘राज्य सचिवालय तक मार्च’ की अनुमति मांगी। समिति बढ़े हुए महंगाई भत्ते और उस पर होने वाले बकाया के भुगतान की मांग कर रही है।
कोर्ट के जस्टिस राजशेखर मांथा की सिंगल जज बेंच ने याचिका स्वीकार कर ली है और मंगलवार को सुनवाई होगी। समिति ने पहले 4 मई को आंदोलन की घोषणा की थी। राज्य सरकार कर्मचारियों के संयुक्त मंच के नेतृत्व को भी भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।
समिति के एक पदाधिकारी ने कहा, “हमें शुरू से ही यकीन था कि पुलिस की अनुमति नहीं मिलेगी और इसलिए हमने शुरू से ही इस मामले में अपनी कानूनी तैयारी की।” अब हम इस मामले में कोर्ट के अनुकूल निर्देश का इंतजार कर रहे हैं। समिति के कार्यक्रम के अनुसार मार्च 4 मई को दोपहर 2.30 बजे निकलना था। प्रदर्शनकारियों को मध्य कोलकाता में एस्प्लेनेड से मंदिरतला स्थित राज्य सचिवालय नबन्ना तक मार्च करना था।
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इस बीच राज्य सरकार के कर्मचारियों के संयुक्त मंच ने महंगाई भत्ते के भुगतान को लेकर आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर ली है। 6 मई को एक विरोध सभा का आयोजन किया जाएगा, जिस पर शहीद मीनार के आधार पर संयुक्त मंच द्वारा धरने के 100वें दिन को पूरा किया जाएगा। प्रदर्शनकारी उस दिन एक रैली निकालेंगे, जो कालीघाट में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आवास से एक किलोमीटर से भी कम दूरी पर हाजरा क्रॉसिंग के पास समाप्त होगी। इसके बाद वे उसी स्थान पर विरोध सभा करेंगे।
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