नई दिल्लीः सभी सरकारी विभागों में मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारियों (सीआईएसओ) और फ्रंटलाइन आईटी अधिकारियों की क्षमता निर्माण के उद्देश्य से सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने साइबर प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘साइबर सुरक्षित भारत’ का आयोजन किया। साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता का प्रसार करने और उभरती चुनौती का सामना करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करने के उद्देश्य से मुख्य सूचना सुरक्षा अधिकारियों (सीआईएसओ) और अग्रिम पंक्ति के अधिकारियों की क्षमता विकसित करने, संगठनों को अपने डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्च र को सुरक्षा देने के लिए तैयार करने और भविष्य में साइबर हमलों के निपटने तैयार करने के मिशन के साथ साइबर सुरक्षित भारत पहल की संकल्पना की गई है।
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30वें सीआईएसओ डीप डाइव प्रशिक्षण कार्यक्रम का किया आयोजन
जागरूकता, शिक्षा और सक्षमता के सिद्धांतों पर आगे बढ़ते हुए नेशनल ई-गवर्नेंस डिवीजन (एनईजीडी) ने क्षमता विकास योजना के तहत 22-26 अगस्त, 2022 से 30वें सीआईएसओ डीप डाइव प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए), नई दिल्ली में हुए गहन 5-दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को केंद्र और राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और बीमा कंपनियों, पुलिस और सुरक्षा बलों की तकनीकी विंग सहित अधीनस्थ एजेंसियों/पीएसयू के सीआईएसओ, तकनीकी/पीएमयू टीमों के सीटीओ और सदस्यों लिए डिजाइन किया गया था। साथ ही अपने संबंधित संगठनों में आईटी सिस्टम की सुरक्षा का निरीक्षण करने के लिए जिम्मेदार अधिकारी भी इसमें शामिल हैं।
डीप डाइव प्रशिक्षण का उद्देश्य विशेष रूप से सीआईएसओ को समग्र और व्यापक रूप से साइबर हमलों को समझने के उद्देश्य से शिक्षित करने और सक्षम बनाना, सुरक्षा से जुड़ी आधुनिक प्रौद्योगिकियों तक जरूरी पहुंच उपलब्ध कराना और व्यक्तिगत संगठनों और नागरिकों को लचीले ई-इन्फ्रास्ट्रक्च र के लाभ उपलब्ध कराना है। प्रशिक्षण में कानूनी प्रावधानों का एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करने पर भी ध्यान केंद्रित करता है, जिससे सीआईएसओ साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में नीतियां तैयार करने और ठोस साइबर संकट प्रबंधन योजनाएं बनाने में सक्षम हो सकें।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में गवर्नेंस के जोखिम और अनुपालन, उभरते साइबर सुरक्षा रुझान, भारत में साइबर सुरक्षा उत्पादों का परिदृश्य, नेटवर्क सुरक्षा, साइबर संकट कार्यस्थल योजना, उपयोग और डाटा सुरक्षा, क्लाउड सुरक्षा, मोबाइल सुरक्षा, क्रिप्टोग्राफी, साइबर सुरक्षा परीक्षण और लेखा परीक्षा, आईटी अधिनियम के साइबर सुरक्षा संबंधी प्रावधान सहित आईएसएमएस मानकों जैसे साइबर सुरक्षा के प्रमुख मुद्दों पर बोलने के लिए उद्योग, शिक्षा और सरकार से जुड़े विषय विशेषज्ञों को एक साथ लाया गया था।
अब तक 1,224 अधिकारी बने सक्षम
प्रतिभागियों को एक दूसरे से सीखने में सक्षम बनाते हुए एक संवादात्मक प्रस्तुति सत्र के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। 2018 में शुरू हुआ सीआईएसओ प्रशिक्षण सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत सरकार और उद्योग कंसोर्टियम के बीच अपनी तरह की पहली साझेदारी है। जून 2018 से अभी तक, इन कार्यक्रमों में 1,224 वरिष्ठ अधिकारियों को अपने संबंधित संगठनों के डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्च र और प्रणालियों को सुरक्षित करने के लिए सक्षम बनाया है।
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