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जम्मू-कश्मीरः सीमा पार से घुसपैठ पर सख्त हुई सेना, बनाया आठ सूत्रीय सुरक्षा मैट्रिक्स

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Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर में एक तरफ आतंकी पीर पंजाल के दक्षिणी इलाकों में अपने पैर जमाने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कठुआ जिले के उन इलाकों में भी दहशत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं, जो पीर पंजाल से जुड़े हैं। लेकिन अब केंद्र सरकार ने भी कश्मीर की तरह जम्मू संभाग से आतंकवाद को खत्म करने के लिए कमर कस ली है। एक दिन पहले ही इस मामले में डीजी बीएसएफ को भी समय से पहले उनके पद से हटा दिया गया था, क्योंकि पाकिस्तान लगातार सीमा पार से घुसपैठ कर रहा था और वह इसे रोकने में विफल रहा है।

अपनाई जा रही नई रणनीति

हालांकि एलओसी से लेकर अंतरराष्ट्रीय सीमा तक बीएसएफ की तैनाती बढ़ा दी गई है, ताकि घुसपैठ को रोका जा सके। दूसरी तरफ जम्मू संभाग के उन इलाकों में आतंकी हमलों में सेना के जवानों की शहादत के मामलों में बढ़ोतरी सरकार के लिए चिंता का विषय बन गई है, जो लंबे समय से शांत थे। यही वजह है कि जम्मू संभाग में आतंकवाद की चुनौती से निपटने के लिए नई रणनीति अपनाई जा रही है। कश्मीर की तरह जम्मू में भी आतंकवाद पर चौतरफा हमला करने के लिए तैयार आठ सूत्री सुरक्षा मैट्रिक्स का मुख्य उद्देश्य घुसपैठ पर पूरी तरह से लगाम लगाना होगा।

दुर्गम ठिकानों पर हुई जवानों की तैनाती

इसके लिए राजमार्गों को सुरक्षित रखना, चोटियों पर प्रभुत्व स्थापित करना, सेना और सुरक्षा बलों का क्षमता विकास, अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों की तैनाती, असम राइफल्स को जम्मू लाना, पैरा कमांडो की तैनाती, मानव खुफिया नेटवर्क को मजबूत करना और रणनीतिक क्षेत्रों में एसओजी कैंप स्थापित करना सुरक्षा मैट्रिक्स का हिस्सा है। ताकि सिर उठा रहे आतंकियों का खात्मा किया जा सके। वहीं सीमा को मजबूत करने के लिए ओडिशा से बीएसएफ की दो नई बटालियनों को जम्मू लाया जा रहा है। जम्मू संभाग में सुरक्षा ग्रिड को मजबूत करने के लिए असम राइफल्स की तैनाती की जा रही है। असम राइफल्स की दो बटालियनों के करीब 1500 जवानों को दुर्गम पर्वतीय क्षेत्रों में आतंकियों के ठिकानों को खत्म करने के लिए तैनात किया जाएगा।

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यानी आतंकवाद पर हर तरफ से बड़ा हमला करने की तैयारी की जा रही है, जो अब जरूरी हो गया था। माना जा रहा है कि जम्मू संभाग के जंगलों में 40 से 50 आतंकी सक्रिय हैं जो समय-समय पर न सिर्फ सुरक्षा बलों को निशाना बना रहे हैं बल्कि उनके खिलाफ गुरिल्ला युद्ध छेड़कर उन्हें गुमराह भी कर रहे हैं। अब आठ सूत्री सुरक्षा मैट्रिक्स की रणनीति निश्चित तौर पर आतंकियों के लिए कब्र खोदेगी।

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