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गांवों में ना टेस्टिंग और ना ही वैक्सीनेशन, ब्लैक फंगस बना नई चुनौती

कोटाः लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग से लाडपुरा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं व प्रबुद्धजनों से संवाद किया। इस दौरान नागरिकों ने लोकसभा अध्यक्ष को ग्रामीण क्षेत्रों में टेस्टिंग नहीं होने की शिकायत की। उनका कहना था कि जांच सुविधा सिर्फ सीएचसी पर उपलब्ध हैं, वह भी सीमित संख्या में। जिससे लक्षण होने पर ग्रामीणों की जांच नहीं हो रही है।

नागरिकों ने कहा कि 45 वर्ष से अधिक आयु के नागरिक पहली डोज के बाद अब दूसरी डोज के लिए परेशान हो रहे हैं। 18 से 44 वर्ष के उम्र के लोगों को तो वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन करवाना ही मुश्किल हो रहा है। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि वे इसका समाधान करवाने का प्रयास करेंगे।

उन्होंने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर पहली लहर से अधिक संक्रामक है। यह समय बेहद नाजुक व संवेदनशील है, हमें मिलजुलकर समर्पित भाव से कोविड मरीजों की सहायता करनी होगी। हमें हर गांव में 3 से 5 स्वास्थ्य कोरोना वारियर्स की टीमें गठित करना है। ये वारियर मरीजों सही उपचार में मदद के साथ ही अन्य लोगों को कोविड से बचने के लिए प्रेरित करेंगे। वे इन योद्धाओं को पल्स आक्सीमीटर, डिजिटल थर्मोमीटर, मास्क और अन्य संसाधन उपलब्ध् करवाएंगे ताकि किसी में लक्षण होते ही तुरन्त उसकी जांच कर उपचार में मदद कर सकें।

ब्लैक फंगस नई चुनौती-
लाडपुरा विधायक कल्पना देवी ने कहा कि ब्लैक फंगस के रूप में जिले में नई समस्या आ खड़ी हुई है। इसकी दवा भी उपलब्ध नहीं हो रही है। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष बिरला से दवाओं की व्यवस्था का आग्रह किया। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि ब्लैक फंगस की दवाओं के विषय में उनकी बात हो गई है। अगले कुछ दिनों में दवाएं आसानी से उपलब्ध हो जाएंगी।

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