गांधीनगर: लिथियम आयन सेल मैन्युफैक्चरिंग गीगाबाइट फैक्ट्री की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की उपस्थिति में शुक्रवार को गुजरात सरकार और टाटा समूह के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। एमओयू पर विजय नेहरा, अगरतास एनर्जी स्टोरेज सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ, टाटा समूह की सहायक कंपनी और सचिव, विज्ञान प्रौद्योगिकी, गुजरात सरकार द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे। गुजरात में स्थापित होने वाली यह गीगाबाइट फैक्ट्री देश में इस तरह का पहला लिथियम आयन सेल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट होगा।
गुजरात देश में लिथियम आयन सेल निर्माण में अग्रणी बनने की दिशा में आगे बढ़ा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2030 तक देश में 50 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन मुक्त ऊर्जा और 100 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन के उपयोग का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए गुजरात सरकार में इस गीगा फैक्ट्री की स्थापना पर विचार किया जा रहा है। एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में। इस प्लांट से करीब 13,000 करोड़ रुपये का शुरुआती निवेश होगा, जो 20 गीगाबाइट की क्षमता के साथ उत्पादन शुरू करेगा। इस प्लांट से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 13 हजार लोगों को रोजगार का अवसर मिलेगा।
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मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में राज्य सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन बढ़ाने, कार्बन उत्सर्जन मुक्त ऊर्जा बढ़ाने, हरित स्वच्छ ऊर्जा और जीवाश्म ईंधन की खपत को कम कर कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल बढ़ने से लीथियम आयन बैटरी की मांग भी बढ़ेगी। टाटा ग्रुप के इस प्लांट की स्थापना से गुजरात लिथियम आयन सेल मैन्युफैक्चरिंग का हब बन जाएगा। साथ ही राज्य में बैटरी मैन्युफैक्चरिंग ईको सिस्टम स्थापित करने में मदद मिलेगी। एमओयू पर हस्ताक्षर के समय मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव कैलाशनाथन, मुख्य सचिव राजकुमार, अपर मुख्य सचिव पंकज जोशी सहित टाटा समूह के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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