लखनऊः उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का प्रसार भी बढ़ रहा है। इसे देखते हुए भाजपा ने जनता के बीच बने रहने के लिए वर्चुअल और ई-रैली की रणनीति बनाई है। पार्टी कोरोना की पहली और दूसरी लहर में अपने कार्यकर्ताओं और जनता के बीच वर्चुअल और वेबिनार के माध्यम से अपनी बात पहुंचाती रही है। अगर संक्रमण का प्रसार बढ़ा तो वही प्रयोग को आगे बढ़ाते हुए वर्चुअल माध्यम से विरोधियों को घेरने की तैयारी है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए भाजपा के वर्चुअल चुनावी आयोजनों के लिए पार्टी की आइटी टीम को तैयार किया जा रहा है। सोशल मीडिया टीम के लिए भी प्रचार कार्य का लक्ष्य निर्धारित किया जा रहा है। पार्टी का मानना है कि संक्रमण काल में इंटरनेट मीडिया प्रचार कार्य के लिए सर्वाधिक उपयोगी साबित होगी।
रणनीतिकारों का मानना है कि वर्चुअल रैली का विस्तार अधिक है और इसमें संसाधन भी कम लगता है। यही नहीं बड़े नेता अपने घरों से या फिर दफ्तरों से ही आम लोगों को सीधे संबोधित कर सकते हैं। सबसे बड़ा प्रभाव तो यह होता है कि लोगों को प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ती है। आम चुनावी रैली की अपेक्षा इसमें स्थानीय लोगों की सहभागिता भी अधिक होती है। ऐसे मे विधानसभा चुनाव में यह प्रभावी भूमिका निभा सकता है। भाजपा के आईटी सेल के संयोजक कामेश्वर मिश्रा ने बताया कि हमारी पार्टी ने कोरोना के दौरान वर्चुअल और ई प्रोग्राम करते आ रहे हैं। इस प्लेटफार्म का उपयोग राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा और कई बड़े नेता भी कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि चुनाव में इस माध्यम का प्रयोग करने के संकेत मिल रहे हैं। वर्चुअल और ई-रैली का पूरा सेटअप हमारा तैयार है। इसके लिए हमारे पास 4 हजार प्रषिक्षित कार्यकर्ताओं की टीम हैं, जो मंडल स्तर तक इस संसाधन का प्रयोग बड़े आराम से कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से एक हजार लोगों को जोड़ सकते है।
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वेबिनार के माध्यम से करीब 50 हजार लोगों को जोड़ सकते हैं। इसके लिए पूरा सेटअप तैयार है। शक्ति केन्द्रों से दोनों तरफ के संवाद करा चुके हैं। इसलिए हमारी पास पूरी व्यवस्था है। नीचे तक पूरा कार्यकर्ता ट्रेंड है। आईटी और सोशल मीडिया के अगर मिला लेंगे तो करीब 10 हजार की पूरी प्रशिक्षित टीम है। वर्चुअल और ई रैली के लिए हमारी पूरी तैयारी हैं। उन्होंने बताया कि पार्टी के पास प्रदेश से लेकर जिले तक वर्चुअल बैठक और मल्टीपल कान्फ्रेंस के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार है। ई-रैली के लिए खास तरह का सॉफ्टवेयर बनाया गया है, जिससे कुछ मिनटों में ही बड़े से लेकर छोटा कार्यकर्ता एक ही प्लेटफार्म में जोड़ा जा सकता है।
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