नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बुधवार को कहा कि ‘आप’ शीर्ष नेताओं के साथ बैठक करेगी और कोर कमेटी तय करेगी कि महिला आरक्षण विधेयक के पक्ष में मतदान करना है या नहीं। पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए संजय सिंह ने कहा, ‘वोटिंग के समय हम अपने फैसले को अंतिम रूप देंगे और आपको बता देंगे।’
संजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जनता से जो भी वादे किये थे, वे सभी वादे झूठे साबित हुए हैं और चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री महिला आरक्षण लेकर आये हैं, जो एक राजनीतिक ‘जुमला’ के अलावा और कुछ नहीं है। 2010 में राज्यसभा में पारित महिला आरक्षण विधेयक में जनगणना या परिसीमन का कोई जिक्र नहीं था। अगर उनकी (भाजपा) मंशा होती तो वे विधेयक को पारित कराकर लागू कराते। यह नया बिल लागू होगा या नहीं, इस पर बड़ा सवाल है। यह ‘वूमन फ़ूल बिल’ है।
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संजय सिंह ने कहा कि अनुच्छेद 82 संशोधन कहता है कि जनगणना के बाद ही परिसीमन होगा। जनगणना 2031 से 2034 तक होगी, जिसमें दो से तीन साल लगेंगे। इसके बाद परिसीमन होगा। पिछला परिसीमन सात साल पहले हुआ था। इसलिए यह बिल 2039 के बाद ही लागू होगा। बिल लागू होगा या नहीं इसकी गारंटी कौन दे सकता है? तो ये महिला आरक्षण बिल मोदी सरकार के लिए एक चुनावी नारे से ज्यादा कुछ नहीं है।
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