मुंबईः महाराष्ट्र के पुणे जिले में Zika virus के 5 नए मरीज मिलने के बाद प्रशासन सतर्क हो गया है। इन पांचों के रक्त के नमूने प्रयोगशाला में भेजे गए थे। शनिवार शाम सभी के रक्त के नमूनों में Zika virus की पुष्टि हुई। इनमें तीन गर्भवती महिलाएं भी शामिल हैं। फिलहाल पुणे में जीका वायरस के कुल 11 मामले सामने आए हैं। इसके चलते पुणे नगर निगम ने नागरिकों से सावधानी बरतने की अपील की है। पुणे में मिले सभी संक्रमित मरीजों का इलाज जारी है। जीका वायरस का संक्रमण होने पर मरीजों में शरीर पर लाल चकत्ते, बुखार और मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण दिखते हैं।
एडवाइजरी जारी
पुणे नगर निगम के सहायक स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश दिघे ने बताया कि जीका वायरस पीड़ितों का इलाज जारी है और उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। डॉ. वर्षाली माली ने बताया कि जीका वायरस से सबसे ज्यादा खतरा गर्भवती महिलाओं को होता है। यह वायरस गर्भवती महिला और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे के लिए खतरा बढ़ा देता है। पुणे नगर निगम ने मच्छर भगाने वाली दवाओं का छिड़काव शुरू कर दिया है और नागरिकों से साफ-सफाई बनाए रखने की अपील भी की है।
जीका वायरस और इसके लक्षण
जीका वायरस एडीज मच्छरों के काटने से फैलता है। इस लक्षणों में शरीर पर लाल चिकत्ते पड़ना, बुखार, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और सिर में दर्द शामिल है, जो डेंगू और चिकनगुनिया मच्छरों से होते हैं। यह वायरस सबसे पहले 1947 में युगांडा में सामने आया था। यह वहां एक पेड़ में पाया गया था।
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जीका वायरस कैसे फैलता है?
जीका वायरस संक्रमित मच्छरों एडीज एजिप्टी और एल्बोपिक्टस के काटने से फैलता है। यह वायरस संक्रमित मां से बच्चे में, यौन संपर्क से, रक्त संक्रमण या प्रसव के दौरान प्लेसेंटा के माध्यम से बहुत तेजी से फैल सकता है। इसलिए गर्भवती महिला को पहली तिमाही में अल्ट्रासाउंड स्क्रीनिंग करवाते समय सावधानी बरतनी चाहिए।