Bastar Dussehra: ऐतिहासिक बस्तर दशहरे के लिए दो मंजिला रथ का निर्माण शुरू

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जगदलपुर: सिरहासार भवन के सामने बस्तर दशहरा पर्व के दुमंजिला काष्ठ रथ निर्माण बेड़ाउमरगांव व झारउमरगांव के 100 से अधिक कारीगरों ने शुक्रवार को बारसी उतरानी पूजा विधान के तहत पारंपरिक रथ निर्माण के लिए उपयोगी औजारों की पूजा परंपरानुसार संपन्न कर रथ निर्माण शुरु कर दिया है। पहले चरण में रथ का चेचिस और चक्का तैयार किया जा रहा है। इस वर्ष बस्तर दशहरा के आठ चक्कों का रथ का निर्माण किया जाएगा।

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बस्तर दशहरा रथ निर्माण में प्रति वर्ष इसके चक्के की संख्या बदलती रहती है, एक वर्ष आठ चक्कों का रथ बनता है तो दूसरे वर्ष चार चक्कों का रथ बनाया जाता है। रथ निर्माण में लगे ग्रामीणों ने बताया दिन में 02 चरणों में इसे आकार देने का काम किया जाता है। बस्तर दशहरा पर चलने वाले लकड़ी के रथ की खास बात यह है कि यह विशालकाय दुमंजिला रथ बनाने के लिए गांवों से आए ग्रामीण कारीगर किसी भी बड़े औजार का उपयोग नहीं करते हैं। 32 फीट लंबा और ऊंचाई तथा 19 फीट चौड़े लकड़ी के रथ को खड़ा करने के लिए औजार के नाम पर चंद हथौड़ी, कुल्हाड़ी, बसूला जैसे पारंपरिक औजारों का उपयोग किया जाता है। रथ के हर हिस्से को तय समय में बनाने का गजब का हुनर देखने को मिलता है।

Bastar Dussehra wooden chariot (file photo)

रथ निर्माण में जुटे ग्रामीणों के मुखिया दलपति ने बताया कि वे और उनके साथी पीढ़ियों से इस काम को बखूबी अंजाम दे रहे हैं। करीब 100 से अधिक ग्रामीण कारीगरों के साथ मिलकर पखवाड़े भर के बाद बस्तर दशहरा में चलने वाला दुमंजिला रथ तैयार कर लेते हैं। इस दौरान उनके आवास और भोजन की व्यवस्था दशहरा कमेटी की ओर से की जाती है।

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