कांग्रेस की जीत के बाद बोले जय राम ठाकुर, ‘जनादेश का सम्मान, कमियों का करेंगे विश्लेषण’

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शिमला: कांग्रेस ने गुरुवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल कर 40 सीटों पर जीत हासिल की, जो 68 सदस्यीय सदन में 34 के आधे से अधिक के आंकड़े से छह अधिक है, जबकि निवर्तमान सत्ताधारी भाजपा 25 सीटों पर सिमट गई है। निवर्तमान मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रतिकूल जनादेश को स्वीकार करते हुए यहां मीडिया से कहा, “मैं जनादेश का सम्मान करता हूं और मैं पिछले पांच वर्षो के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय नेतृत्व को धन्यवाद देना चाहता हूं। हम राजनीति से परे राज्य के विकास के लिए खड़े रहेंगे। हम अपनी कमियों का भी विश्लेषण करेंगे और अगले कार्यकाल में सुधार करेंगे।”

हिमाचल प्रदेश ने 1985 के बाद से किसी भी मौजूदा सरकार को सत्ता में वापस नहीं लाया है। ठाकुर (57) ने मंडी में अपने गढ़ सिराज को बरकरार रखा, जहां से उन्होंने लगातार छह चुनाव – 1998, 2003, 2007, 2012, 2017 और 2022 – कांग्रेस के चेत राम पर 22,000 से अधिक मतों के अंतर से जीते। प्रमुख विजयी कांग्रेस नेताओं में पत्रकार से नेता बने और भावी मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री (60) हरोली से – चौथी बार, पूर्व राज्य पार्टी प्रमुख सुखविंदर सिंह सुक्ख (58) नादौन से, वह सीट हमीरपुर जिले में चौथी बार प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, धर्मशाला से पूर्व शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा, सुजानपुर से राजिंदर सिंह राणा, सोलन से 82 वर्षीय कर्नल धनी राम शांडिल और छह बार मुख्यमंत्री रह चुके वीरभद्र सिंह के पुत्र दूसरी बार विधायक बने विक्रमादित्य सिंह शामिल हैं। छह बार की कांग्रेस विधायक आशा कुमारी अपने गढ़ डलहौजी से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी और भाजपा उम्मीदवार डी.एस. ठाकुर से 9,918 मतों के अंतर से हार गईं। मुख्यमंत्री पद के संभावित दावेदारों में आशा कुमारी भी थीं।

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मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में हैं प्रतिभा सिंह-

2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 44 और कांग्रेस ने 21 सीटें जीती थीं, जिसमें एक सीट माकपा और दो निर्दलीय उम्मीदवारों के पास गई थी। परिवार की विरासत और योगदान को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस की राज्य इकाई की प्रमुख प्रतिभा सिंह ने अपने पति वीरभद्र सिंह द्वारा मुख्यमंत्री के रूप में अपने छह कार्यकाल के दौरान किए गए विकास कार्योँ पर वोट मांगा था। बता दें कि प्रतिभा सिंह को संभावित मुख्यमंत्री के रूप में भी पेश किया गया है। लगातार दूसरी बार अपनी शिमला (ग्रामीण) सीट बरकरार रखने के बाद खुलकर सामने आते हुए विक्रमादित्य सिंह ने कहा, “हम पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएंगे .. वह (प्रतिभा सिंह) मुख्यमंत्री पद की दावेदारों में से एक हैं।”

2021 के लोकसभा उपचुनाव में मंडी सीट जीतने वाली प्रतिभा सिंह ने मतदाताओं को यह याद दिलाने का कोई मौका नहीं छोड़ा कि विधानसभा चुनाव में जीत वीरभद्र सिंह को श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने कहा, न केवल कांग्रेस समर्थकों, बल्कि अन्य दलों के लोगों ने भी वीरभद्र सिंह को श्रद्धांजलि के तौर पर हमें वोट दिया। प्रतिभा सिंह ने पार्टी की सीधी जीत के बाद मीडिया से कहा कि वीरभद्र सिंह के परिवार ने इस चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और राज्य के लिए वीरभद्र सिंह के योगदान को देखते हुए तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने उन्हें प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया था।

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