लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हाल के दिनों में गोवंश पर लम्पी वायरस का दुष्प्रभाव देखने को मिला है। इस संक्रमण के कारण कई राज्यों में व्यापक पशुधन हानि हुई है। प्रदेश में इसके प्रसार को रोकने के लिए हमें मिशन मोड में काम करना होगा। स्थिति सामान्य होने तक प्रदेश में पशु मेलों का आयोजन स्थगित रखा जाए। अन्तरराज्यीय पशु परिवहन पर रोक लगाई जाए। पशुपालकों को संक्रमण के लक्षण और उपचार के बारे में पूरी जानकारी दी जाए। गोआश्रय स्थलों में अनावश्यक लोगों का प्रवेश प्रतिबन्धित कर दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में पशुओं में लम्पी बीमारी से बचाव के प्रबन्धन की समीक्षा की और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लम्पी वायरस से सुरक्षा के लिए पशु टीकाकरण का विशेष अभियान चलाया जाना जरूरी है। यह मच्छर इत्यादि से फैलने वाला वायरस है, ऐसे में ग्राम्य विकास, नगर विकास और पशुपालन विभाग द्वारा परस्पर समन्वय से गांव व शहरों में विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाए। किसी भी दशा में संक्रमण का प्रसार न हो। लम्पी वायरस से संक्रमित गोवंश, स्वस्थ हुए गोवंश और गैर संक्रमित गोवंश के लिए पृथक-पृथक बाड़े की व्यवस्था की जाए। निराश्रित गोवंश स्थलों, कान्हा उपवनों के साथ-साथ आम पशुपालकों को भी इस बीमारी के बारे में जागरूक किया जाए।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि निराश्रित गोवंश संरक्षण की दिशा में सतत् प्रयासों के संतोषप्रद परिणाम मिल रहे हैं। राज्य सरकार पशु संवर्धन तथा संरक्षण के लिए सेवाभाव के साथ सतत् प्रयासरत है। गोवंश सहित सभी पशुपालकों के प्रोत्साहन के लिए सरकार द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। पात्र लोगों को इसका लाभ मिलना सुनिश्चित कराया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में 6,889 निराश्रित गोवंश स्थलों में 11.89 लाख गोवंश संरक्षित हैं। इनके साथ-साथ गोवंश संरक्षण के लिए संचालित मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के भी आशातीत परिणाम मिले हैं।
अब तक 01 लाख 85 हजार से अधिक गोवंश इस योजना के तहत गो-सेवकों को सुपुर्द किए गए हैं। निराश्रित गोवंश स्थलों तथा गोवंश की सेवा कर रहे सभी परिवारों को गोवंश के भरण-पोषण के लिए वर्तमान में 30 रुपये प्रति गोवंश प्रतिदिन की दर से उपलब्ध कराया जा रहा है। अब इसे बढाकर 50 रुपये प्रति गोवंश प्रतिदिन किया जाए। इस सम्बन्ध में कोई भी बकाया अवशेष न रहे।
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