सुल्तानपुरः वन महोत्सव सप्ताह के दौरान रविवार को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पौधरोपण का नया रिकॉर्ड बना रही है। इस दौरान प्रदेश में 25 करोड़ पौधे लगाये जा रहे है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सुल्तानपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे की लेन में पौधे लगाये। मुख्यमंत्री ने पंचवटी, नवग्रह तथा नक्षत्र वाटिका की स्थापना भी की। सीएम योगी ने इस दौरान 200 साल पुराने वट वृक्ष की विधिपूर्वक पूजा भी की। वहीं प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने झांसी में पौधरोपण किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘श्वसन है तो जीवन है और जल है तो कल है’ इसी संकल्प के साथ हम सबको इसे सहेज कर रखना होगा। हमें पर्यावरण की रक्षा करना हम सभी दायित्व है और इसके लिए हमें वृहद स्तर पर वृक्षारोपण करने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश का हर नागरिक किसी भी स्थान पर एक-एक पौधा भी लगाये तो भविष्य में उसका बड़ा लाभ मिलेगा। पौधरोपण के महाअभियान के अंतर्गत कई नए रिकॉर्ड बनाने जा रहे हैं। सुबह से लेकर अब तक लगभग 13 करोड़ वृक्ष लग चुके हैं। उन्होंने कहा कि सभी विधायक, मंत्री, भाजपा नेता व कार्यकर्ता के साथ ही सरकारी कर्मचारी भी पौधरोपण कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यूपीइडा ने वन विभाग के साथ मिलकर सुल्तानपुर में प्राचीन बरगद के पेड़ को हेरिटेज वृक्ष के रूप में मान्यता दी है। प्रदेश में जिस स्थान पर भी सौ वर्ष से अधिक पुराने वृक्ष होंगे, उन्हें हेरिटेज वृक्ष की मान्यता देकर उनका संरक्षण किया जाएगा। उन्होंने पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को पूर्वी उत्तर प्रदेश के विकास की रीढ़ बताया। उन्होंने कहा कि यह अर्थव्यवस्था सुधारने में कारगर साबित होगी। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के निर्माण से प्रदेश के युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में अब बड़े उद्योग, आइटी पार्क, टेक्सटाइल पार्क स्थापित होने से प्रदेश के युवाओं को रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
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राज्य सरकार के प्रवक्ता के अनुसार प्रदेश में 2017-18 से 2020-21 तक एक अरब से अधिक पौधे लगाए गए हैं। वृक्षारोपण साल 2017-2018 में सरकार ने 5.71 करोड़ पौधे लगाए जबकि 2018-2019 में लगाए गए पौधे 11.77 करोड़ थे। 2019-2020 में लगाए गए पौधों की संख्या 22.59 करोड़ और अगले वर्ष 25.97 करोड़ थी। इस वर्ष वृक्षारोपण का लक्ष्य 30 करोड़ है जो बढ़कर 95.94 करोड़ हो गया है। विभागीय वृक्षारोपण के अलावा, नागरिकों और किसानों ने भी इस अभियान में योगदान दिया है।