गुवाहाटी: असम में 2,114 बिहू समितियों को राज्य सरकार द्वारा 1.5 लाख रुपये की एकमुश्त वित्तीय सहायता प्रदान की गई। मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने आज (बुधवार) श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र सभागार में असम सरकार के सांस्कृतिक मामलों के विभाग द्वारा आयोजित समारोह में औपचारिक रूप से एकमुश्त वित्तीय सहायता वितरित की।
मुख्यमंत्री ने वित्तीय सहायता वितरण पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि “पिछले वर्ष से बिहू समितियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने वाली यह योजना राज्य के स्थानीय समुदाय की संस्कृति, विश्वास की रक्षा को और मजबूत करने के हमारे दृढ़ संकल्प का प्रकटीकरण है। हमारी सरकार के इस कदम से चयनित बिहू समितियों को असम के सांस्कृतिक क्षेत्र में गरिमापूर्ण तरीके से बिहू कार्यक्रम आयोजित करने में मदद मिलेगी।”
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मुख्यमंत्री ने बिहू समिति के सभी लोगों से शराब पीने की आदत से बचने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि बिहू पंडाल से 200 से 500 मीटर के दायरे में कोई भी शराब नहीं पी सकता है। घर में कोई शराब पीये, मुझे इस बारे में कुछ भी नहीं कहना है, लेकिन शराब पीकर स्टेज पर कोई चढ़ता है तो मुझे बुरा लगता है। मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने आज कलाक्षेत्र में बिहू समिति के वित्तीय सहायता वितरण कार्यक्रम में यह टिप्पणी की।
वहीं, डॉ सरमा ने कहा कि जेष्ठ माह की पहली तारीख के बाद बिहू नहीं मनाया जाएगा। अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करें, लेकिन बिहू के आयोजन की प्रशासन अनुमति नहीं देगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि समितियां बिना पैसे लिए हुसरी गाने (बिहू गीत) की व्यवस्था करें। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि अगले साल से प्रतीकात्मक रूप से राज्य सरकार के नेतृत्व में सात (7) बिहू आयोजित किए जाएंगे। डॉ. सरमा ने कहा कि चंदा संस्कृति को खत्म करना चाहिए। चंदा संस्कृति हमारी जाति की सबसे बड़ी बदनामी में से एक है। गमोछा लेकर जाति को सबसे ऊपर रखें, किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना चाहिए।
इस अवसर पर सांस्कृतिक मामलों के मंत्री बिमल बोरा, सांसद क्वीन ओझा, कार्बी आंगलोंग स्वायत्तशासी परिषद के मुख्य कार्यकारी सदस्य तुलीराम रोंगहांग और विधायक डॉ. परमानंद राजबंशी भी उपस्थित थे।
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