एलएसीः भारत-चीन बॉर्डर पर फिर हुई झड़प, 20 चीनी सैनिक घायल, स्थिति हुई तनाव पूर्ण

265

नई दिल्लीः भारत और चीन बॉर्डर पर स्थिति फिर तनाव पूर्ण हो गई है। पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर तनाव कम करने के लिए चल रही वार्ता के बीच दोनों देशों के सैनिक आपस में भिड़ गए, जिसमें 4 भारतीय है 20 चीनी सैनिक घायल हुए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक, तीन दिन पहले सिक्किम के ना कूला में चीनी सेना ने बॉर्डर की यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया था और उसके कुछ सैनिक भारतीय क्षेत्र में बढ़ने की कोशिश कर रहे थे। उसी दौरान झड़प हुई।

दोनों देशों ने 06 नवम्बर को हुई 8वें दौर की कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता में एक दूसरे को टॉप सीक्रेट ‘रोडमैप’ दिए थे, जिस पर दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व ने मंथन किया है। आठवें दौर की सैन्य वार्ता में इसी पर फोकस किया गया लेकिन एलएसी पर तनाव कम करने या पीछे हटने को लेकर दोनों देशों के बीच किसी ठोस रोडमैप पर सहमति नहीं बन पाई थी। हालांकि छठे और सातवें दौर की बातचीत के बाद एलएसी पर यथास्थिति और सैन्य जमावड़ा नहीं बढ़ने को सकारात्मक माना जा रहा था। इसलिए इस वार्ता में गतिरोध कम होने की काफी उम्मीदें लगाई जा रही थीं। इसके बावजूद करीब 10 घंटे तक चली 8वें दौर की सैन्य वार्ता में दोनों देशों के रिश्तों पर जमी बर्फ नहीं पिघली।

पिछली बैठक में भी भारत ने साफ कर दिया था कि डिसइंगेजमेंट होगा तो पूरी एलएसी पर होगा। ऐसी स्थिति में चीनी सेना को पैन्गोंग झील के उत्तरी किनारे पर फिंगर 4-8 के पीछे जाना पड़ता लेकिन चीनी सेना इसके लिए तैयार नहीं हुई थी। बैठक में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच मॉस्को वार्ता में तय हुए पांच बिन्दुओं के आधार पर एक दूसरे से ‘रोडमैप’ मांगा गया। 12 अक्टूबर को हुई सातवें दौर की सैन्य वार्ता ‘फिर मिलेंगे’ के वादे के साथ खत्म हुई थी। इसी बैठक में चीन और भारत ने एक दूसरे को टॉप सीक्रेट ‘रोडमैप’ सौंपे थे जिस पर दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व के मंथन करने के बाद आठवें दौर की सैन्य वार्ता में फोकस किया गया। इसके बावजूद किसी भी मुद्दे पर ठोस सहमति नहीं बन पाई।

अभीतक हुईं इस बातचीत में दोनों पक्षों ने सीमा पर तनाव कम करने के लिए एलएसी से पीछे हटने पर सहमति जताई है लेकिन यह कैसा होगा, इस पर कोई सहमति नहीं बन पाई है। दरअसल सीमा से पीछे हटने की शर्तों को लेकर दोनों कमांडर अड़े हुए हैं। मैराथन बातचीत में किसी ठोस रोडमैप पर सहमति न बन पाने के बाद अब माना जा रहा है कि 9वें दौर की सैन्य वार्ता में इस जमी बर्फ को पिघलाने के लिए कूटनीतिक और विशेष प्रतिनिधि स्तर पर नए सिरे से वार्ता हुई होगी। भारत-चीन का साझा बयान अभी जारी नहीं हुआ है जिसका इंतजार है।

यह भी पढ़ेंः-किसानों की ट्रैक्टर रैली पर सियासत तेज, मायावती बोंली-कृषि कानून वापस ले सरकार

भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों को खदेड़ दिया हैं, लेकिन बॉर्डर पर स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है। भारतीय क्षेत्र के साथ सभी प्वॉइंट पर मौसम की स्थिति खराब होने के बावजूद कड़ी चौकसी बरती जा रही है।