लखनऊः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी सरकारी दफ्तरों में सिटीजन चार्टर लागू करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार कार्यालय में तीन दिन से अधिक कोई फाइल न रोकी जाए। आम जनता की समस्याओं का निस्तारण त्वरित गति से किया जाए। देरी होने पर जवाबदेही तय की जाएगी। कार्यालय में समय से पहुंचने और देर से आने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने बुधवार को यहां उच्चाधिकारियों की बैठक के दौरान कहा कि आमजन की शिकायतों का त्वरित संज्ञान लेते हुए निस्तारण किया जाए। हर कार्यालय में सिटीजन चार्टर को प्रभावी रूप से लागू किया जाए। किसी भी कार्यालय में कोई फाइल तीन दिनों से अधिक लंबित न रहे। देरी होने पर जवाबदेही तय की जाए। शासकीय कार्यालयों में हर अधिकारी, कर्मचारी की समय से उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। लेटलतीफी कतई स्वीकार नहीं की जाएगी। वरिष्ठ अधिकारी के स्तर पर सतत औचक निरीक्षण किया जाए। लापरवाह, लेटलतीफ अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री ने सरकारी कर्मचारियों के लिए लंच का समय भी कम करने को कहा है। आमतौर पर सरकारी दफ्तरों में कहने को एक घंटा का लंच ब्रेक होता है, लेकिन अधिकारी-कर्मचारी डेढ़ से दो घंटे तक लंच के नाम पर गायब रहते हैं। खासकर सचिवालय में ऐसी स्थिति होने से दूर-दराज से आने वालों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। मुख्यमंत्री ने लंच का समय कम करने के निर्देश दिए हैं। अब यूपी में सरकारी दफ्तरों में आधा घंटे का ही लंच ब्रेक होगा।
ये भी पढ़ें..नवाब मलिक की याचिका पर सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट तैयार, मनी…
बिना मान्यता वाले नर्सिंग कॉलेजों पर गिरेगी गाज
बिना मान्यता या मानक के विपरीत नर्सिंग कॉलेज चलाने वालों पर सरकार की टेढ़ी नजर है। ऐसे लोगों को चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नियम विरुद्ध संचालित अथवा अधोमानक नर्सिंग कॉलेजों को चिह्नित कर इनके संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कठोरतम कार्रवाई की जाए। बिना मान्यता के कॉलेज संचालन युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना है। ऐसी हर जानकारी, शिकायत को पूरी गंभीरता से लेते हुए तत्परता से कार्रवाई की जाए।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…)