बीकानेर: अक्षय तृतीया और पीपल पूर्णिमा जैसे अबूझ सावों के अवसर पर होने वाले बाल विवाह (child marriage) के विरुद्ध जागरुकता के लिए सोमवार को विशेष बारात निकाली गई। इसमें छोटे-छोटे बच्चों को दूल्हे-दुल्हन के रूप में तैयार किया गया तथा बारातियों ने हाथों में तख्तियां लेकर बाल विवाह (child marriage) से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक किया।
लोक कलाकार गोपाल बिस्सा के नेतृत्व में यह बारात गांधी पार्क से रवाना हुई तथा जूनागढ़ के पास पहुंची। उन्होंने बताया कि पिछले दस वर्षों से बाल विवाह के विरुद्ध चेतना के लिए ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं। जूनागढ़ के पास बारात के समापन स्थल पर शिक्षा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला तथा जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल मौजूद रहे।
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शिक्षा मंत्री ने कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक बुराई है। इससे बालकों और समाज का विकास प्रभावित होता है। इसके मद्देनजर हमें बाल विवाह के विरुद्ध कड़े कदम उठाने चाहिए तथा इसके कानूनी प्रावधानों से आमजन को जागरूक करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जन-जागरूकता की ऐसी गतिविधियां सतत रूप से आयोजित की जाएं।
जिला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि बाल विवाह की रोकथाम के लिए जिला प्रशासन द्वारा पूरी मुस्तैदी रखी जा रही है। फिर भी समाज को इस कुप्रथा को रोकने के लिए आगे आना होगा। किसी भी स्थान पर बाल विवाह की जानकारी मिलने पर तुरंत प्रशासन को सूचित किया जाए। उन्होंने कहा कि बाल विवाह में किसी भी प्रकार से भागीदारी निभाने वाले के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
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