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19 सितंबर से फिर लगेगा मुख्यमंत्री आरोग्य मेला, 40 लाख से अधिक परिवार होंगे लाभान्वित

लखनऊः उत्तर प्रदेश में 19 सितंबर से एक बार फिर मुख्यमंत्री आरोग्य मेले का आयोजन किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं की सुगम उपलब्धता कराने में मुख्यमंत्री आरोग्य मेला ने कम समय में ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कोरोना की नियंत्रित स्थिति को देखते हुए 19 सितंबर से आरोग्य मेलों का आयोजन पुनः प्रारंभ किया जाए। ऐसे अन्त्योदय कार्डधारक परिवार जो प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना अथवा मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में से किसी भी योजना से आच्छादित नहीं हैं, उन्हें मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना में शामिल करने का निर्णय लिया गया है। 40 लाख से अधिक अंत्योदय कार्डधारक परिवार इस निर्णय से सीधे लाभान्वित होंगे। सभी पात्र लोगों को योजना का लाभ दिलाया जाए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को टीम-09 की बैठक में अधिकारियों को यह निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि समन्वित, नियोजित प्रयासों से कोरोना की दूसरी लहर पर बने प्रभावी नियंत्रण के बीच जनजीवन तेजी से सामान्य हो रहा है। शुक्रवार को प्रदेश के 33 जिलों में कोविड का एक भी एक्टिव केस नहीं हैं। विगत दिवस हुई कोविड टेस्टिंग में 67 जिलों में संक्रमण का कोई भी नया केस नहीं मिला। वर्तमान में 191 संक्रमितों का उपचार हो रहा है। औसतन हर दिन सवा दो लाख से ढाई लाख तक टेस्ट हो रहे हैं, जबकि पॉजिटिविटी दर 0.01 से भी कम हो गई है और रिकवरी दर 98.7 फीसदी है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि एग्रेसिव ट्रेसिंग, टेस्टिंग और वरित ट्रीटमेंट के मंत्र से अच्छे परिणाम मिल रहे हैं। अब तक सात करोड़ 44 लाख 95 हजार 406 कोविड सैम्पल की जांच की जा चुकी है। विगत 24 घंटे में हुई दो लाख 30 हजार 740 सैम्पल टेस्टिंग में 10 नये मरीजों की पुष्टि हुई। मात्र आठ जिलों में ही नये मरीज मिले। इसी अवधि में 16 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए। प्रदेश में अब तक 16 लाख 86 हजार 457 प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं।

योगी ने कहा कि यह सतर्कता और सावधानी बरतने का समय है। थोड़ी सी लापरवाही संक्रमण को बढ़ाने का कारक बन सकती है। कोविड की स्थिति के अनुसार प्रदेश के 33 जिलों अलीगढ़, अमरोहा, अयोध्या, बागपत, बलिया, बलरामपुर, बांदा, बस्ती, बहराइच, भदोही, बिजनौर, चंदौली, चित्रकूट, देवरिया, एटा, फतेहपुर, गाजीपुर, गोंडा, हमीरपुर, हापुड़, हरदोई, हाथरस, कासगंज, ललितपुर, महोबा, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, रामपुर, सहारनपुर, शामली, सिद्धार्थ नगर और सोनभद्र में कोविड का एक भी मरीज नहीं है। यह जिले आज कोविड संक्रमण से मुक्त हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड से बचाव के लिए प्रदेश में टीकाकरण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। प्रदेश में सात करोड़ आठ लाख से अधिक लोगों ने टीके की पहली डोज प्राप्त कर ली है। विगत दिवस 12 लाख से अधिक लोगों को टीका लगा है। इस प्रकार प्रदेश में कुल कोविड वैक्सीनेशन आठ करोड़ 47 लाख से अधिक हो गया है। यह किसी एक राज्य में हुआ सर्वाधिक टीकाकरण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस प्रक्रिया को और तेज किए जाने की आवश्यकता है। टीके की उपलब्धता के लिए भारत सरकार से सतत संपर्क बनाए रखा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बरसात के मौसम को देखते हुए डेंगू, मलेरिया व अन्य वायरल बीमारियों के संदिग्ध मरीजों की पहचान के लिए जारी प्रदेशव्यापी सर्विलांस कार्यक्रम को और प्रभावी बनाया जाए। सर्दी, जुकाम, बुखार, श्वांस समस्या आदि संबंधित चिन्हित लोगों के समुचित उपचार की व्यवस्था कराई जाए। आवश्यकतानुसार जांच भी कराई जाए। डोर-टू-डोर सर्वेक्षण के दौरान बुखार, दस्त, डायरिया आदि की जरूरी दवाइयां वितरित की जाएं। विशेषज्ञ टीम के दिशा-निर्देशों के अनुरूप उपचार की समुचित व्यवस्था रहे। बेड, दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता बनाए रखी जाए। सरकारी अस्पतालों में सभी मरीजों के निःशुल्क उपचार की व्यवस्था है। फिरोजाबाद, आगरा, कानपुर, मथुरा समेत अन्य प्रभावित जिलों की स्थिति पर सतत नजर रखी जाए।

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केंद्र व राज्य सरकार के समन्वित प्रयासों से प्रदेश में अब तक 400 ऑक्सीजन प्लांट चालू हो चुके हैं। मेडिकल कॉलेज व अन्य शासकीय अस्पतालों में क्रियाशील यह ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट भविष्य की आवश्यकताओं के दृष्टिगत अत्यंत उपयोगी सिद्ध होंगे। शेष 155 प्लांट की स्थापना की कार्यवाही भी तेजी से की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा तकनीशियनों का यथोचित प्रशिक्षण शीघ्र पूरा कराया जाए। जिलाधिकारी गण निर्माणाधीन प्लांट के कार्यों का सतत निरीक्षण करते रहें। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी गो-आश्रय स्थलों में व्यवस्था सुचारु रखी जाए। हरा चारा-भूसा आदि के समुचित प्रबंध हों। कृषि उत्पादन आयुक्त स्तर से सभी निराश्रित गो-आश्रय स्थलों की स्थिति की पड़ताल की जाए। यदि दुर्व्यवस्थाओं के कारण गोवंश की मृत्यु हुई तो संबंधित अधिकारी, कर्मचारी के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई होनी तय है।

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