नई दिल्लीः इंडिगो एयरलाइंस में नौकरी दिलाने के बहाने युवकों से लाखों रुपये ठग चुके एक शातिर कॉल सेंटर को सील कर उत्तर-पश्चिम जिला की साइबर सेल पुलिस ने नौ महिलाओं सहित 12 आरोपितों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों के कब्जे से 15 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप के साथ प्रिंटर और वाईफाई राउटर, 2 डेबिट कार्ड, दो लाख 31 हजार रुपये और दस्तावेज बरामद किये हैं। एक मुख्य आरोपित 8वीं पास है और अन्य 10वीं पास है। कॉल सेंटर पिछले दो महीने से चल रहा था। आरोपित अभी तक दो सौ से ज्यादा बेरोजगार युवकों को अपना शिकार बना चुके थे।
डीसीपी ऊषा रंगनानी ने बताया कि कॉल सेंटर के तीन मुख्य आरोपित हैं जो 40, 30-30 का हिस्सा बांटा करते थे। जिन्होंने नौ महिला टेली कॉलर को नौकरी पर रखा हुआ था। जिनको आठ से 12 हजार रुपये सैलरी दिया करते थे। डीसीपी ने बताया कि साइबर क्रॉइम थाने को गृह मंत्रालय के नेशनल साइबर क्राइम रिसीविंग पोर्टल (एनसीआरपी) के माध्यम से एक शिकायत मिली थी, जिसमें मुखर्जी नगर के रहने वाले शिकायतकर्ता परवेश माथुर ने आरोप लगाया कि एक कॉल सेंटर ने उन्हें इंडिगो एयरलाइंस में नौकरी दिलाने के बहाने 12 हजार दो सौ पचास रुपये ऐंठ लिये हैं।
शिकायतकर्ता ने कॉल सेंटर से आए फोन नंबर बैंक खाते की भी डिटेल दी। एसएचओ सुनील के निर्देशन में एसआई नकुल, एसआई सुनील, महिला एसआई मोहिनी, हेड कांस्टेबल संजीत, धीरज, मनीष कांस्टेबल गौरव, मनोज और महिला कांस्टेबल आरती को आरोपियों को पकड़ने का जिम्मा सौंपा गया। शुरूआती जांच में पता चला कि कॉल सेंटर शास्त्री नगर इलाके से चलाया जा रहा है। पुलिस टीम ने तुरंत मौके पर छापेमारी की और रंगेहाथों सभी को पकड़ लिया।
मुख्य आरोपित की पहचान नीरज कुमार, आमिर और सोनू के रूप में हुई। आरोपितों से पूछताछ करने पर पता चला कि मुख्य आरोपित आमिर के पास 40 पर्सेंट हिस्सा है और वह 10वीं पास है वहीं आरोपित नीरज के पास 30 पर्सेंट शेयर है और वह 8वीं पास है और आरोपित सोनू के पास 30 पर्सेंट पर्सेंट शेयर है। जबकि महिला टेली-कॉलर या तो 12वीं पास हैं या अंडर ग्रेजुएट हैं।
आरोपित नीरज के कब्जे से एक लाख 80 हजार आरोपित सोनू से 51 हजार रुपये बरामद किए गए, जिसे उन्होंने अपने हिस्से के हिसाब से बांटने के लिए बैंक खातों से निकाल लिया था। अब उनके वॉलेट और बैंक खातों के बारे में और जानकारी लेने की कोशिश की जा रही है कि अभी तक आरोपितों ने कितने लोगों को ठगा और कितने रुपये उनसे ऐंठे थे।
इस तरह ठगते थे बेकसूर बेरोजगार युवकों को
आरोपितों से पूछताछ करने पर पता चला कि आरोपित ओएलएक्स और वर्कस्पेस इंडिया से नौकरी की तलाश कर रहे लोगों की जानकारी जुटाते थे। उनसे संपर्क करके इंडिगो एयरलाइंस में नौकरी दिलाने के बहाने बुलाते थे। पीड़ितों को महिला टेली-कॉलर खुद को एक्जीक्यूटिव के रूप में पेश करती थीं। पीड़ितों को अपना व्हट्सअप नंबर देकर उनका बायोडाटा मंगवाया जाता था। पीड़ितों को बाद में बताया जाता था कि आपकी एयरपोर्ट अथॉरिटी इंडिगो कंपनी में मैनेजर के तौर पर नौकरी लग गई है।
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इसके लिये पहले आपको रजिस्ट्रेशन फीस के रूप में सात से 12 सौ रुपये, ढाई से पांच हजार रुपये खाता खोलने के लिये और 45 सौ से छह हजार रुपये वर्दी देने के रूप में ऐंठ लिया करते थे। विभिन्न वॉलेट या खातों में पैसे ट्रांसफर होने के बाद, उन्होंने अपने कॉल रिसीव करना बंद कर दिया। कुछ मामलों में, वे उन्हें बताते थे कि उन्हें स्लॉट में नहीं चुना जा सकता है और उन्हें अगले स्लॉट में माना जाएगा। वे आगे इंडिगो कंपनी के एचआर की सिफारिश से अपने चयन के लिए और पैसे मांगते हैं। उन्होंने कई कॉल करने वालों को यह कहकर शांत भी किया कि उन्हें अगले छह महीने में प्लेसमेंट दे दिया जाएगा।
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