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भारत-अर्मेनिया संपर्क में चाबहार बंदरगाह उपयोगी : विदेश मंत्री

External Affairs Minister Dr. S Jaishankar addresses the G20 Foreign Ministers meeting on Afghanistan

येरेवान: अर्मेनिया की यात्रा पर गए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने वहां के विदेश मंत्री अरारात मिरजोयान से द्विपक्षीय मुद्दों पर विचार-विमर्श किया तथा सहयोग के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने दोनों देशों के बीच संपर्क सुविधा बढ़ाने के लिए ईरान में भारत की ओर से विकसित किए जा रहे चाबहार पोर्ट के उपयोग करने की संभावनाओं पर विचार किया। विदेश मंत्री ने भारत की शिरकत वाले उत्तर-दक्षिण अंतर्राष्ट्रीय संपर्क कोरिडोर से अर्मेनिया को जोड़ने की भी आवश्यकता बताई।

विदेश मंत्री ने यूरोएशियाई व्यापार संगठन के साथ जुड़ने के लिए जारी वार्ता का उल्लेख करते हुए कहा कि इसके जरिए भारत और अर्मेनिया के बीच व्यापारिक सहयोग में बढ़ोतरी होगी। जयशंकर ने पिछले वर्ष अर्मेनिया और अजरबेजान के बीच हुए सैन्य संघर्ष का उल्लेख करते हुए कहा कि नागोर्नो-काराबाख को लेकर जारी विवाद ‘मिंस’ समझौते के आधार पर शांतिपूर्ण ढंग से होना चाहिए।

जयशंकर ने आर्मेनिया के प्रधानमंत्री निकोल पाशियन से मुलाकात की और उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से शुभकामनायें प्रेषित की। उन्होंने भारत और अर्मेनिया के बीच पुराने संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत के अनेक हिस्सों में अर्मेनिया मूल के लोगों ने आपसी मैत्री के लिए पुल का काम किया है। उन्होंने अर्मेनिया में अध्य्यनरत भारतीय छात्रों को पर्याप्त सुविधायें दिए जाने के लिए वहां की सरकार का आभार व्यक्त किया।

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विदेश मंत्री ने येरेवान में स्थापित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पाजंली अर्पित की। वह राजधानी के पुस्तकालय में भी गए जहां संस्कृत भाषा में महाभारत की एक पांडुलिपी संरक्षित है। पुस्तकालय में अजंता एलोरा से जुड़ी पेंटिंग भी संरक्षित हैं। विदेश मंत्री अर्मेनिया में रह रहे भारतीय छात्रों से भी मिले।

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