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केंद्र ने 5 और कंपनियों को दिया एम्फोटेरिसिन बी बनाने का लाइसेंस, दवाओं का होगा आयात

BLACK-PHANGAS

नई दिल्लीः देश में म्यूकरमाईकोसिस यानि ब्लैक फंगस के मामले तेजी से समाने आने लगे हैं। इस बीमारी के इलाज में कारगर एम्फोटेरिसिन बी दवा के उत्पादन में बढ़ोतरी करने के लिए केन्द्र सरकार ने पांच कंपनियों को लाइसेंस दिया है। मौजूदा समय में पांच कंपनियां इस दवा का उत्पादन कर रही है। माई लैब कंपनी इसकी इंपोर्टर है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक ब्लैक फंगस की दवा एम्फोटेरिसिन बी का उत्पादन मई के महीने में 1,63,752 शीशी होगा। जून के महीने में 2,55,144 शीशी का उत्पादन हो पाएगा। इसके साथ एम्फोटेरिसिन बी की 3,63,000 शीशी का आयात किया जा रहा है। कुलमिलाकर देश में एम्फोटेरिसिन बी की 5 लाख से ज्यादा शीशियां उपलब्ध होंगी।

जानकारी के मुताबिक जून के महीने में 3,15000 शीशी आयात की जाएगी। इसके साथ एंटी फंगल दवा एम्फोरेटिसिन बी के उत्पादन के लिए हैदराबाद स्थित नैटको फार्मास्यूटिकल, वडोदरा स्थित एलेंबिक फार्मास्यूटिकल, गुजरात स्थित गूफिक बायोसाइंस, पूणे स्थित एमक्योर फार्मास्यूटिकल और गुजरात स्थित लाइका को लाइसेंस दिया गया है। यह सारी कंपनियां जुलाई के महीने में एम्फोटेरिसिन बी की 1,11,000 शीशी का उत्पादन करेंगी।

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स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार विदेश मंत्रालय की मदद से इस दवा की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए म्यूकरमाइकोसिस की अन्य कारगर दवाओं के आयात पर भी विचार किया जा रहा है।