सचिन बोले- केंद्र नहीं चाहता किसान आंदोलन का हल, दी जा रहीं तारीख पर तारीख

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टोंकः पूर्व उपमुख्यमंत्री और विधायक सचिन पायलट ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार किसान आंदोलन को लेकर संवेदनशील नहीं है। इसी कारण किसानों को बार-बार वार्ता के लिए तारीख पर तारीख दी जा रही है। यह मोदी सरकार की संवेदनहीनता ही है कि नौ दौर की वार्ता के बावजूद अब तक किसान आंदोलन को लेकर कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। पूर्व उपमुख्यमंत्री पायलट रविवार को अपने स्वागत समारोह में आए पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे।

पूर्व उप मुख्यमंत्री पायलट रविवार को दो दिवसीय दौरे के तहत सडक़ मार्ग से टोंक पहुंचे। रास्ते में जगह-जगह कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया। कार्यकर्ताओं ने पायलट जिंदाबाद और सचिन पायलट आई लव यू के नारे लगाए। दौरे के दौरान पायलट टोंक विधानसभा क्षेत्र की कई ग्राम पंचायतों का दौरा कर आमजन का फीडबैक लेंगे तथा राज्य सरकार के कामों को जन-जन तक पहुंचाएंगे।

स्वागत समारोह के बाद पत्रकारों से बातचीत में पायलट ने किसान आंदोलन को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ महीने से किसान आंदोलन कर रहे हैं। इस कड़ाके की ठंड में भी वे गांधीवादी तरीके से अपनी मांगों पर डटे हैं। नौ बार सरकार से बातचीत हो चुकी, जो बेनतीजा रहीं है। सरकार किसानों को सिर्फ थकाना चाहती हैं। पायलट ने कहा कि राजस्थान में एक भाजपा नेता ने किसानों पर ऐसे गंभीर आरोप लगाए हैं, जो उनके मान सम्मान को ठेस पहुंचाते हैं। एक तरफ सरकार बोलती है कि किसानों का पूरा आदर सत्कार करते हैं। दूसरी तरफ उनके नेता किसानों के लिए अपशब्द का प्रयोग कर रहे हैं। किसानों को नक्सली, देशविरोधी बोलना गलत है। पायलट का इशारा कोटा से भाजपा विधायक मदन दिलावर के उस बयान पर था, जिन्होंने किसान आंदोलन को बर्ड फ्लू फैलाने की साजिश बताया था।

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पायलट ने कहा कि देश ने संकल्प किया है कि केंद्र सरकार तीनों कृषि कानून को वापस लें। सरकार की किसानों को अपनी जमीन पर मजदूर बनाने की मंशा है। इसलिए अकाली दल जैसे उनके साथियों ने उनका साथ छोड़ दिया है।आरएलपी ने सपोर्ट वापस ले लिया। जो सरकार अपने सहयोगी दलों को नहीं समझा पा रही है, वो किसानों को क्या समझाएगी? पायलट 10 और 11 जनवरी को टोंक में रहेंगे। इस दौरान जनसुनवाई के साथ ही अधिकारियों से भी कई बिंदुओं पर चर्चा करेंगे।