आईपीके, लखनऊः ठंड या तो शुरू में लगती है या उतरते वक्त, इसका कारण है लापरवाही। यही समय है जब ठंड से ज्यादा सजग रहने की जरूरत है। थोड़ी भी लापरवाही आपको परेशान कर सकती है। ऐसे में मसालों में विशेषकर प्रयोग किया जाने वाला अजवाइन बड़ी काम की चीज है। पित्तवर्द्धक अजवाइन के बारे में संस्कृत में कहा गया है कि अकेली अजवाइन ही सैकड़ों प्रकार के अन्न को पचाने वाली होती है। यदि आपको ठंड लग जाए तो इसका सेवन रामबाण की तरह काम करता है।
ठंड का असर करती है कम
इस संबंध में आयुर्वेदाचार्य डाॅ. एसके राय का कहना है कि कैल्शियम, प्रोटीन, ऊर्जा व कई तरह के विटामिन लिए हुए अजवाइन पित्तवर्द्धक होने के साथ ही ठंड का असर कम करती है और सैकड़ों रोगों से मुक्ति दिलाने में काफी कारगर है।
अपच की समस्या हो जाती है दूर
इसे कई रूपों में प्रयोग किया जा सकता है। इसका चूर्ण बनाकर व आठवाँ हिस्सा सेंधा नमक के साथ 2 ग्राम की मात्रा में जल के साथ सेवन करने पर पेट में दर्द, मंदाग्नि, अपच, अफरा, अजीर्ण में लाभकारी होती है। इसका सेवन दिन में तीन बार करना चाहिए। इसको रात में चबाकर पानी पीने से सुबह पेट साफ हो जाता है। यह पेट के कीड़े को भी बाहर निकालने में लाभकारी है।
ब्लड प्रेशर में भी है लाभप्रद
अजवाइन के चार रत्ती फूल, चार रत्ती गिलोय सत्व के साथ मिलाकर चर्म रोगों में ऊँगलियों के काम न करने पर, वायु के दर्द, रक्तचाप और ब्लड प्रेशर में लाभप्रद होता है। इसका एक छटांक अर्क पुरानी खांसी, बड़ी खंासी तथा कफ में लाभकारी होता है। अजवाइन के फूल को शहद में मिलाकर लें तो कफ आना बंद हो जाता है।
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दस्त को करता है बंद
अजवाइन का अर्क या तेल 10-15 बूंद बराबर लेते रहने से दस्त बंद होते हैं। इसका चूर्ण दो-दो ग्राम की मात्रा में दिन में तीन बार लेने से ठंड का बुखार शांत होता है। एक चम्मच अजवाइन को एक गिलास पानी में भिगोकर सुबह शहद के साथ मिलाकर पीने से मोटापा कम होता है। इसके पानी से धोने पर घाव, दाद, खुजली, फुंसियां आदि चर्मरोग नष्ट होते हैं।