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यूपीपीएससी की भर्ती परीक्षाओं में सीबीआई को मिले धांधली के सुराग, चयनितों को किया तलब

प्रयागराजः उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग प्रयागराज की भर्ती परीक्षाओं की जांच कर रही सीबीआई को आरओ-एआरओ भर्ती परीक्षा 2013 और 2014 में धांधली के सुराग मिले हैं। सीबीआई की ओर से शिकायतकर्ताओं के बयान दर्ज किए जा रहे हैं और आयोग के तत्कालीन कर्मचारियों को भी पूछताछ के लिए कैंप कार्यालय बुलाया गया है। इसके साथ ही चयनितों को दिल्ली तलब किया गया है। सीबीआई मामले में एफआईआर दर्ज करने की तैयारी में है। आयोग की वेबसाइट के अनुसार समीक्षा अधिकारी-सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा 2013 का परिणाम आठ अगस्त 2015 को जारी किया गया था, जिसके तहत 505 पदों पर भर्ती की गई थी।

वहीं, आरओ-एआरओ 2014 का परिणाम 28 नवम्बर 2016 को जारी किया गया था और इस परीक्षा के तहत 426 पदों पर भर्ती की गई थी। अभ्यर्थियों ने आरोप लगाए गए थे कि परीक्षा के बाद कई ओएमआर शीट बदल दी गईं और परिणाम से छेड़छाड़ की गई। सूत्रों के अनुसार जांच के दौरान सीबीआई को दोनों परीक्षाओं में ओएमआर शीट बदलने के सुराग मिले हैं और इसी आधार पर अब शिकायतकर्ताओं के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। सीबीआई की टीम गोविंदपुर स्थित कैंप कार्यालय में लौट आई है और वहां हलचल बढ़ गई है। शिकायतकर्ताओं के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। साथ ही आयोग के तत्कालीन कर्मचारियों को भी पूछताछ के लिए कैंप कार्यालय बुलाया गया है। इसके साथ ही कुछ कर्मचारियों को दिल्ली तलब किया गया है।

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वहीं, इन दोनों परीक्षाओं के संदिग्ध चयनितों को भी सीबीआई ने दिल्ली स्थित मुख्यालय में तलब किया है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय का कहना है कि सीबीआई की टीम आयोग के परीक्षाओं की पांच साल से जांच कर रही है। कुल 600 भर्ती परीक्षाओं की जांच की जा रही है। पांच वर्षों में पीसीएस-2015 और एपीएस-2010 के मामले में दो एफआईआर दर्ज की गई। अगर इसी रफ्तार से जांच चली तो न्याय मांगने वाले अभ्यर्थियों की उम्र निकल जाएगी और कुछ नहीं होगा। अवनीश ने राज्य सरकार और सीबीआई से एसआईटी गठित कर जांच को तेजी से आगे बढ़ाने की मांग की है।

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