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किसान आंदोलन: आपस में उलझे कैप्टन और केजरीवाल, कैप्टन को बताया 'मोदी भक्त'

 

नई दिल्ली: किसान आंदोलन के लिए आम आदमी पार्टी ने केंद्र की भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर भी आम आदमी पार्टी लगातार हमले कर रही है। किसानों के मुद्दे पर केंद्र सरकार से बात करने दिल्ली आए कैप्टन अमरिंदर सिंह को दिल्ली से आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने 'मोदी भक्त' तक कह डाला। वहीं कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दिल्ली सरकार पर किसानों के हितों की अनदेखी का आरोप लगाया है। दरअसल दिल्ली सरकार ने तीन केंद्रीय कृषि कानूनों में से एक की अधिसूचना जारी कर दी है। बांकी दो अन्य पर विचार किया जा रहा है। दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) कानून, 2020 को 23 नवंबर को अधिसूचित किया गया है।

पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अकाली दल और आम आदमी पार्टी पर दोहरे मानदंड अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मैं हैरान हूं कि विधानसभा में उन्होंने विधेयकों के समर्थन में बोला और यहां तक कि मेरे साथ राज्यपाल से मिलने भी गए, लेकिन बाहर जाकर अलग बातें बोलीं। यह उनके दोहरे मानदंडों को दिखाता है।

वहीं आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि मोदी भक्त कैप्टन अमरिंदर इस काले कानून को बनवाने में पहले से ही बीजेपी के साथ मिले हुए थे। ईडी की जांच के डर से अमरिंदर सिंह, मोदी-अमित शाह के आगे नतमस्तक हो गये हैं। गुरुवार को आम आदमी पार्टी की ओर से पार्टी प्रवक्ता व विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कैप्टन अमरिंदर सिंह दिल्ली बॉर्डर पर बैठे किसानों से मिलने क्यों नहीं गए। वह पंजाब से दिल्ली आए, गृहमंत्री से मुलाकात की और चले गए। कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा था कि यह कानून वापस नहीं हुए तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। लेकिन ईडी का नोटिस आने के बाद उन्होंने अपना रुख बदल लिया।

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पंजाब विधानसभा में तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पास किया गया है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का कहना है दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को भी विधानसभा में ऐसा प्रस्ताव पास करना चाहिए था, लेकिन केजरीवाल सरकार ने ऐसा नहीं किया। इस पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि यह केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए कानून हैं। विधानसभा में विरोध करने से इनपर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।