देहरादूनः चमोली जिले की भारत-चीन सीमा के नीति घाटी सुमना के पास ग्लेशियर टूटने से अफरा-तफरी मच गयी। ग्लेशियर टूटने के बाद सेना ने रेस्क्यू कर वहां फंसे 384 लोगों को अब तक बचाया है। इसमें छह की हालत गंभीर बनी हुई है। वहीं, सेना ने आठ लोगों के शव बरामद किये हैं। बर्फ के नीचे फंसे शेष व्यक्तियों का पता लगाने के लिए बचाव अभियान भी जारी है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बताया कि ग्लेशियर टूटने की घटना पर गृहमंत्री अमित शाह ने तुरंत संज्ञान लिया और मदद का आश्वासन दिया है।
मुख्यमंत्री की ओर से सोशल मीडिया के जरिए बताया गया कि घटना को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। जोशीमठ से लगभग 94 किलोमीटर आगे सुमना. 2 में क्यूगाड़ वैली के निकट यह ग्लेशियर टूटा है। ग्लेशियर टूटने की वजह से बीआरओ के दो लेबर कैंप इसकी चपेट में आए थे। कैंप में रह रहे लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। घटना से करीब तीन किमी की दूरी पर आर्मी कैंप है। जो पूरी तरह से सुरक्षित है। घटना के तुरंत बाद ही सेना ने रेस्क्यू अभियान शुरू कर दिया था। बचाव व राहत कार्य जारी है।
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बताया जा रहा है कि क्षेत्र में तीन दिनों से बेहद खराब मौसम बना हुआ है। बावजूद इसके राहत व बचाव का कार्य युद्धस्तर पर जारी है। मुख्यमंत्री तीरथ रावत ने बताया कि एनटीपीसी एवं अन्य परियोजनाओं में काम रोकने के आदेश दे दिए हैं ताकि कोई अप्रिय घटना न होने पाये। वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के निदेशक डॉ. कालाचाँद सांई का कहना है कि पिछले तीन दिनों से बर्फबारी से उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर बर्फ एकत्रित हो गई है। जिसके चलते स्नो एवलांच की पूरी संभावना है। एवलांच की सबसे अधिक संभावना उन पहाड़ियों पर अधिक होती हैं जिनका ढलान बहुत अधिक होता है।